पटना : कोरोना संक्रमण के इस दौर में बाहरी प्रदेशों से बिहार आये मजदूरों के बच्चों का ऑन लाइन सर्वेक्षण किया जायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग एक विशेष एप विकसित कर रहा है. इस सर्वेक्षण के जरिये शिक्षा विभाग उन बच्चों की शिक्षा और कौशल विकास के लिए दो स्तरीय कार्यक्रम तैयार करेगा़ पूरी योजना बिहार शिक्षा परियोजना ने बनायी है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ऑन लाइन सर्वे के लिए खासतौर पर स्कूली शिक्षकों को लगाया जायेगा. स्कूली शिक्षक घर-घर जाकर प्रवासी बच्चे की जानकारी अपने बेस्ट एप के जरिये मुख्यालय भेजेंगे. एक विशेष सॉफ्टवेयर के जरिये यहां भेजा गया डाटा स्वचालित ढंग से कंपाइल हो जायेगा. सर्वे के बाद जुटाये गये बेस लाइन डाटा के जरिये दो तरह के प्लान बनाये गये हैं.
ये प्लान बिहार के बाहर से आये मजदूरों के बयान पर निर्भर करेंगे. दरअसल मजदूरों से सवाल किया जायेगा कि वे लोग कब तक बिहार रहेंगे? अगर वे स्थायी रूप से बिहार में ही रहना चाहते हैं तो उनके लिए लांग टर्म प्लान रहेगा. इसके तहत उन्हें उम्र के हिसाब से कक्षाओं में भर्ती किया जायेगा. उन्हें विशेष कौशल ट्रेनिंग दी जा सकती है. अगर कोई प्रवासी मजदूर परिवार कहता है कि वह केवल कुछ समय के लिए ही रहूंगा तो उनके बच्चों को न्यूनतम छह माह के हिसाब से उन्हें दाखिला दिया जायेगा. जब वे वापस जायेंगे तो उन्हें यहां से एक सर्टिफिकेट दिया जायेगा, जिसके आधार पर वे जहां भी जायेंगे, उन्हें एडमिशन में कोई दिक्कत नहीं आयेगी़ बिहार शिक्षा परियोजना ने इस प्लान को प्रभावी करने के के लिए केंद्र से आर्थिक और तकनीकी मदद मांगी है.