हैदराबाद : लॉकडाउन के तकरीबन 80 दिन बाद तिरुपति बालाजी मंदिर की श्रृद्धालुओं के लिए खोलने की हरी झंडी मिल गई है. मंदिर 11 जून के बाद से श्रृद्धालुओं के लिए खोले जायेंगे. मंदिर में एक दिन में 6000 से अधिक श्रद्धालु नहीं जा पायेंगे. इसके अलावा, मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा.
द डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार मंदिर खोलने को लेकर कल मंदिर कमिटी की बैठक हुई, जिसमें 11 जून से मंदिर खोलने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा, मंदिर में श्रद्धालुओं को छह फीट की दूरी का पालन करना अनिवार्य किया गया है. मंदिर में आने जाने वालों को कोविड-19 की सतर्कता भी बरतनी होगी.
मंदिर कमिटी की बैठक के बाद अध्यक्ष वाई.बी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण जो प्रतिबंध लगा था, वो प्रतिबंध 11 जून से हटा लिया जाएगा. मंदिर में रोजाना 13 घंटे के लिए हर घंटे 500 से कम श्रद्धालुओं को अनुमति दी जाएगी. मंदिर में 10 साल के कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग को तीर्थस्थल में अनुमति नहीं दी जाएगी.
टोकन के बिना नो एंट्री– मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को टोकन लेना अनिवार्य होगा. बिना टोकन के मंदिर परिसर में प्रवेश करना वर्जित किया गया है. वाई भी सुब्बारेड्डी ने बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं को मुख्य द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सेनेटाइज किया जायेगा.
तीसरे फेज में मंदिर खोलने की है अनुमति- केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार तीसरे फेज में मंदिर खोलने कुछ अनुमति दी गई है. इस पेज में कोई भी धार्मिक स्थल खोला जा सकता है. हालांकि धार्मिक स्थलों को कोविड-19 से जुड़े नियमों का पालन करना और करवाना अनिवार्य कर दिया गया है. बता दें कि तीसरे फेज की छूट 8 जून से लागू होगी.
तकरीबन 500 करोड़ का नुकसान– मंदिर बंद होने की वजह से तिरुपति बालाजी मंदिर प्रशासन को तकरीबन 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मंदिर कमिटी के अध्यक्ष वाई भी सुब्बारेड्डी ने बताया कि एक महीने में तकरीबन 200-220 करोड़ रुपये की कमाई होती है, जो लॉकडाउन की वजह से नहीं हो पाई. इतना ही, लॉकडाउन की वजह से मंदिर प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को भी सैलरी नहीं दी.
Posted By : Avinish Kumar Mishra