Penumbral lunar eclipse june 2020, chandra grahan latest update, जून के महीने में एक साथ दो ग्रहण लगेंगे. जिसमें एक चंद्र और दूसरा सूर्य ग्रहण होगा. जैसा कि ज्ञात हो सूर्य ग्रहण कुछ मिनटों के लिए दिखता है जबकि चंद्र ग्रहण कुछ घंटों के लिए. ऐसे में इस बार का चंद्र ग्रहण 3 घंटे से ज्यादा का है. अगर आपके मन में यह सवाल उठ रहा है कि भारत में यह किन-किन स्थानों से देखा जाएगा. तो आइये जानते हैं.
सबसे पहले आपको बता दें कि इस साल कुल चार चंद्र ग्रहण है. एक जनवरी में हो चुका है तो दूसरा जून, तीसरा जुलाई, वहीं चौथा नवंबर में लगने वाला है. 5 जून का चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा, अर्थात यह पृथ्वी के हल्की छाया से होकर गुजरेगा. आपको बता दें कि शास्त्रों के अनुसार जेष्ठ मास की पूर्णिमा तिथी पांच जून को है. इस दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण 3 घंटे 18 मीनट का होगा. यह ग्रहण 5 जून को 11 बजकर 16 मीनट में शुरू होगा और छह जून को 12 बजकर 54 मीनट पर अपने चरम पर रहेगा. वहीं, यह ग्रहण सुबह 2.32 मीनट पर समाप्त हो जाएगा.
नासा के आंकड़ों की मानें तो इसे एशिया, दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीका और यूरोप के पूर्वी तट पर रहने वाले लोग देख पाएंगे. इसके अलावा जापान और न्यूजीलैंड से भी देखा जा सकता है. हालांकि, उपछाया चंद्रग्रहण होने के कारण लोगों को यह सामान्य चांद की तरह ही दिखेगा. इस ग्रहण को पूरे भारत में भी देखा जा सकता है. हालांकि, इस ग्रहण के दौरान आपको चांद में खासा बदलाव देखने को नहीं मिलने वाला है. ज्योतिष विशेषज्ञ सुनिल सिंह की मानें तो इस दौरान चांद कहीं से कटा हुआ नहीं नजर आयेगा. वहीं, यह पहले के मुताबिक थोड़ा सा मटमैला जरूर दिखेगा.
आपको बता दें कि जनवरी और जून की भांति जुलाई का चंद्र ग्रहण भी आंशिक या पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं होगा. यह भी उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
धर्म शास्त्र की मानें तो इसका असर वृश्चिक राशि पर पड़ सकता है. यही कारण है कि सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है. हालांकि, उपछाया होने के कारण ग्रहण बहुत प्रभावी नहीं होता है. अर्थात सूतक काल नहीं लगता है. आपको बता दें कि सूतक को हिन्दू धर्म में अशुभ माना गया है. यह आमतौर पर ग्रहण से 9 घंटे पूर्व में ही शुरू हो जाता है.
– सूतक काल में खाना न खाएं
– तुलसी पौधा न छूएं
– खाना खाना भी है तो तुलसी पत्ती डाल कर खाएं
– इस दौरान मंत्र जाप करते रहें.
– मंदिर का कपाट बंद रखें
– गर्भवती महिला घर से बाहर न निकलें
– ग्रहण के बाद नहा कर आसपास में गंगा जल छींट कर शुद्ध कर लें. तब जाकर कोई काम करें.