रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में प्रवासी मजदूरों के लौटने के बाद दोबारा बाहर जाने पर अब सरकार की अनुमति लेनी होगी. गुरुवार की देर शाम प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर राज्य में प्रवासी मजदूर आये हैं. यह प्रदेश भी बहुत बड़ा मजदूरों के समूह के रूप में उभर कर सामने आया है.
सीएम से गुरुवार को सिंहभूम चैंबर अॉफ कॉमर्स के प्रतिनिधि भी मिले थे. उन्होंने लॉकडाउन में ढील देने की मांग की थी. सीएम ने इस पर कहा कि लॉकडाउन धीरे-धीरे खोलने की प्रक्रिया में है. इस दौरान बहुत लोगों को नफा-नुकसान हुआ है. लॉकडाउन में सिर्फ एमएसएमइ ही नहीं, बल्कि सरकार को भी नुकसान हुआ है. सभी चीजों का आकलन किया जा रहा है. किस तरह से अर्थव्यवस्था आगे बढ़े, सरकार इस पर चिंतित है.
सीएम ने कहा : भारत के सीमावर्ती इलाकों में झारखंड के मजदूरों की बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि देश के कई दुर्गम स्थान हैं, जहां आम लोगों का जाना संभव नहीं है. जब तक उनको विशेष सहयोग न मिले. लद्दाख, लेह और अन्य सीमावर्ती इलाकों में कई पाबंदिया होती है. डिफेंस एरिया है.
उस जगह पर जानेवाले मजदूरों का लेखा-जोखा होनी चाहिए. ताकि कभी भी कुछ हो तो तुरंत उन तक संपर्क किया जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार मजदूरों के शोषण की खबर आती है. कई महिलाएं भी काम करने जाती हैं. उनके साथ भी शोषण की घटनाएं होती है. ऐसी खबरें आती रहती है. सरकार के पास यदि सबकी जानकारी होगी तो कभी भी ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार कार्रवाई करेगी.
शोषण जैसी बातें दोबारा न हो इसके लिए सुरक्षित तरीके से जाने का व्यवस्था हो सके इसलिए सरकार की मंजूरी की व्यवस्था की गयी है. सीएम ने कहा कि झारखंड में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में है. खदानों में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले इसके लिए सरकार तैयारी कर रही है.