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हैंसी क्रोनिए मामले के आरोपी संजीव चावला के वकील ने मैच फिक्सिंग मामले में अंडर वर्ल्ड कनेक्शन को सिरे से किया खारिज

हैंसी क्रोनिए मामले के आरोपी संजीव चावला के वकील का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि कोई भी मैच निष्पक्ष नहीं होता, हर मैच फिक्स होता है

हैंसी क्रोनिए मामले के आरोपी संजीव चावला के वकील का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि कोई भी मैच निष्पक्ष नहीं होता, हर मैच फिक्स होता है, उन्होंने पुलिस की इन बातों को मन गढ़ंत बताया और उनके द्वारा दिए गए बयान को सिरे से नकार दिया. उनके वकील विकास पाहवा ने संजीव चावला के 14 फरवरी को दिए गए बयान को पुलिस की दिमाग की मनगढ़ंत बताया है. ये बातें उन्होंने द इंडियन एक्स्प्रेस को दिए गए इंटरव्यू में कही.

उन्होंने आगे कहा कि वो दस्तावेज संजीव चावला को दिखाए ही नहीं गए इसलिए उसमें हस्ताक्षर करने का कोई सवाल ही नहीं उठता. उस दस्तावेज के मुताबिक संजीव चावला ने बताया था कि क्रिकेट में कैसे भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है. जिसमें उन्होंने मैच फिक्सिंग में अंडर वर्ल्ड की भूमिका होने का खुलासा किया था. उन्होंने कहा था कि यह ठीक वैसा ही है जैसा कि एक फिल्म बनाने में निर्देशक की भूमिका होती है.

उन्होंने बताया था कि दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी जी राम गोपाल नाइक भी सेंडिकेट के निशाने पर हैं. हालांकि संजीव के वकील ने इस दस्तावेज पर सफाई देते हुए कहा कि उन्हें कोई अंडर वर्ल्ड के माफिया के बारे में पता ही नहीं है. जैसा कि उस अर्थहीन दस्तावेज में लिखा गया है. पाहवा ने कहा कि उन्हें कुछ भी सट्टे से संबंधित माफियाओं के बारे में पता नहीं है साथ उन्होंने किसी सट्टेबाज से भागीदारी की बात को भी सिरे से नकार दिया.

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने अपने चार्जशीट में बताया है कि संजीव चावला ने किसी भी प्रकार के जांच में सहयोग नहीं दिया है. भले ही पुलिस के द्वारा दिए गए सबूत में साबित होता है कि वो किसी सट्टेबाज के साथ इस केस का भागीदार है. इस मामले में भी उन्होंने किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी है. पुलिस ने बताया है कि संजीव चावला ने पुलिस के द्वारा दिए गए आरोप पत्र को अच्छी तरह से पढ़ने के बावजूद उन्होंने डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में हस्ताक्षर नहीं किये हैं.

हालांकि पाहवा ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि संजीव चावला ने पुलिस की जांच में पूरा सहयोग दिया है. 2003 में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी तब भी वह भारत में ही था. वह कभी भी फरार नहीं हुआ. स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा संजीव चावला के वकील को लिखे एक पत्र को छोड़कर, 14 साल तक जांच की अवधि के दौरान, दिल्ली पुलिस ने उससे कभी भी संपर्क नहीं किया. बता दें कि हैंसी क्रोनिए मैच फिक्सिंग के आरोपी संजीव चावला को लंबे समय बाद 13 फरवरी को भारत वापस लाया गया था.

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