पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना संकट के कारण सुस्त पड़ी आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम राहत पैकेज की कई योजनाओं पर मुहर लगायी है, जिससे फुटपाथी बिक्रेताओं एवं किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. इसके तहत सभी नगर निकायों को निर्देश दिया गया है कि वे ज्यादा से ज्यादा फुटपाथी बिक्रेताओं का सर्वेक्षण कर आंकड़ा एकत्रित करें ताकि उन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत बैंकों से 10 हजार तक कर्ज दिलाया जा सके. वहीं, किसानों से केसीसी के तहत लिये गये फसल ऋण के एक मार्च से बकाए का 31 अगस्त तक भुगतान कर 5 फीसदी कम ब्याज देने का लाभ उठाने की अपील भी की है.
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि नगर विकास विभाग बाकी फुटपाथी दुकानदारों का सर्वेक्षण करा कर उनका आधार व बैंक खाता संख्या संग्रह करेगा. बिहार सरकार के पास अब तक 72,457 फुटपाथी बिक्रेताओं का डाटा उपलब्ध है. प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत फुटपाथ पर सब्जी, अंडा, फल, चाय, कपड़ा बेचने वालों तथा सैलून व चर्मकार का काम करने वालों को कार्यशील पूंजी के तौर पर 10 हजार रुपये तक का कर्ज दिया जायेगा. एक साल के अंदर मासिक किस्त देकर कर्ज चुकाने वालों को 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अनुदान मिलेगा, जिसकी 700 रुपये की राशि डीबीटी के जरिए उनके खाते में भेज दी जायेगी.
भाजपा के वरिष्ठ नेता सह डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में बड़ी संख्या में कार्यरत माइक्रो फिनान्स कंपनियां जो फुटपाथी बिक्रेताओं को पहले से कर्ज देती रही है, इस योजना के तहत भी ऋण दे सकेंगी. इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड के तहत जिन लोगों का फसल ऋण 01 मार्च से बकाया है, अगर 31 अगस्त तक भुगतान करते हैं तो उन्हें 5 फीसदी कम यानी बिना किसी दंड के मात्र 4 प्रतिशत ब्याज ही देना होगा. सामान्य दिनों में उन्हें 9 से 10 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता. लाॅकडाउन के कारण 31 मई तक की समयसीमा को बढ़ा कर 31 अगस्त कर दिया गया है. अधिक से अधिक किसान अपने बकाए कर्ज का भुगतान कर इस योजना का लाभ उठायें.
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