मुंबई : पश्चिम बंगाल, ओडिशा अभी चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के कारण हुए नुकसान से बाहर भी नहीं निकला है और अब महाराष्ट्र और गुजरात में चक्रवात ‘निसर्ग’ का खतरा मंडराने लगा है. मौसम विभाग के अनुसार यह चक्रवाती तूफान तीन जून को उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट से गुजरेगा. इसको लेकर दोनों राज्यों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक (डीजी) मृत्युंजय महापात्र ने मंगलवार को बताया, गहरे दबाव का क्षेत्र आज दोपहर के करीब चक्रवाती तूफान में बदल गया है. इस बीच खबर है कि तूफान से ‘निसर्ग’ से परमाणु रिएक्टर और बंदरगाहों को भी नुकसान पहुंच सकता है. मालूम को महाराष्ट्र के पालघर में देश का सबसे पुराना तारापुर Atomic power complex है. ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है ये चक्रवात के सीधे संपर्क में आ सकते हैं.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने अगले 12 घंटे में निसर्ग चक्रवात के गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप लेने की प्रबल आशंका है और यह बुधवार को महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट को पार कर जाएगा. अधिकारी ने कहा कि चक्रवाती तूफान उत्तरी महाराष्ट्र और हरिहरेश्वर और दमन के बीच अलीबाग के पास दक्षिण गुजरात के तट को तीन जून को पार करेगा और हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी. इसको देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) 16 दलों में से 10 को राज्य के तटवर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है.
गुजरात में चक्रवाती तूफान निसर्ग से निपटने की तैयारियों के बीच, वलसाड और नवसारी जिला प्रशासनों ने राज्य के तटीय क्षेत्रों में स्थित 47 गांवों से करीब 20 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है. मौसम विभाग के अनुसार, पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में सूरत से लगभग 670 किमी दूर है और यह अगले छह घंटों में एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है. उसके बाद के 12 घंटों में यह एक भयंकर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा और तीन जून की दोपहर के आसपास उत्तरी महाराष्ट्र और उससे सटे दक्षिण गुजरात तट को पार कर जाएगा.
बता दें चक्रवात का नाम निसर्ग बांग्लादेश ने दिया है. इसके नाम का प्रस्ताव बांग्लादेश ने ही किया था. इससे पहले ओडिशा और बंगाल में आये ‘अम्फान’ चक्रवात का नाम थाइलैंड ने दिया था.
Posted By : arbind kumar mishra