भारत और चीन के सैनिक जहां तनावपूर्ण सीमा विवाद में उलझे हुए हैं, वहीं सोशल मीडिया पर बॉर्डर का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो को लेकर भारतीय सेना का बयान सामने आया है. सेना की ओर से कहा गया है कि हमने देखा है सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जो बॉर्डर का बताया जा रहा है. इस वीडियो में जो दिखाया गया है वो फेक है. इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है. सेना की ओर से कहा गया है कि वीडियो को उत्तरी सीमाओं के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया है और जो इसमें नजर आ रहा है उसमें जरा भी सच्चाई नहीं है. वर्तमान में, कोई हिंसा नहीं हो रही है.
Differences are being addressed through interaction between military commanders, guided by established protocols on management of borders between the two countries. We strongly condemn attempts to sensationalise issues impacting national security: Indian Army https://t.co/KVFJMWJJpf
— ANI (@ANI) May 31, 2020
सेना की ओर से कहा गया है कि दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध को बातचीत के द्वारा निपटाने का प्रयास किया जा रहा है. सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत जारी है. सेना की ओर से कहा गया कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले ऐसे वीडियो की कड़ी निंदा करते हैं.
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इधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार किसी भी स्थिति में भारत के गौरव को धूमिल नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि गतिरोध को दूर करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर द्विपक्षीय वार्ता जारी है. गतिरोध दूर करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा मध्यस्थता की पेशकश के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा कि उन्होंने अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर को शुक्रवार को टेलीफोन पर हुई बातचीत में बताया कि भारत और चीन के बीच ‘‘समस्याओं” को कूटनीतिक एवं सैन्य स्तरों पर वार्ता के माध्यम से सुलझाने के लिए वर्तमान में एक व्यवस्था बनी हुई है.
भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा था कि वह दोनों देशों के बीच ‘‘मध्यस्थता कराने के लिए तैयार हैं, इच्छुक हैं और सक्षम हैं.” उन्होंने बृहस्पतिवार को भी यह पेशकश की. विदेश मंत्रालय ने पेशकश को परोक्ष रूप से खारिज कर दिया.
भारत और चीन की सेना के बीच डोकलाम में 2017 में 73 दिनों तक गतिरोध जारी रहा था. भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबा वास्तविक नियंत्रण रेखा है. चीन अरूणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है जबकि भारत इसका विरोध करता है. दोनों पक्ष इस बात से सहमत हैं कि सीमा विवाद का अंतिम समाधान होने तक यह आवश्यक है कि सीमावर्ती इलाके में शांति और धैर्य बनाए रखा जाए.
Posted By: Amitabh Kumar