कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने हाल ही में भारतीय टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना का इंटरव्यू लिया है. जिसमें उन्होंने सुरेश रैना से वर्ल्ड कप 2011 के तैयारियों और खास कर के क्वाटर फाइनल मुकाबले में उनके द्वारा खेली गयी 34 रनों के पारी के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि क्वाटर फाइनल के दिन मेरे बगल में ड्रेसिंग रूम में वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर बैठे थे.
जब धौनी उस दिन सस्ते में आउट होकर निराश मन से पवेलियन की तरफ लौट रहे थे, तभी सचिन ने उस दिन मुझसे कहा कि जा आज तुम्हारा दिन है. उन दिनों अपने हाथ में वो साई बाबा वाला का कड़ा पहनते थे. उसने मेरे पीठ पर मारा और कहा जा जीत कर आना. उसके बाद ऐसा लगा कि मुझे आशीर्वाद मिल गया है. मैंने सोचा कि ये मेरे लिए अच्छा मौका है. मुझे अच्छा खेलना है और किसी भी तरह से मैच को जीताना है.
उस दिन खराब लाइट की वजह से बड़े ही फोकस होकर के खेलना पड़ रहा था. सबसे बड़ी बात हम दोनों के समय में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया ने अपने स्पिनर को हटा लिए थे. और स्पिनर ही थे जो हमें आउट कर सकते थे. अब हमें सिर्फ अपने टाइमिंग पर ध्यान देना था. जो हमने किया भी. रैना ने आगे कहा कि जब मैं ब्रेट ली की गेंद पर छक्का लगाया तो मेरे अंदर आत्म विश्वास बढ़ गया और उसके बाद तो मैंने सोचा अब तो टीम को जीत दिलाकर ही लौटूंगा.
आपको बता दें कि उस मैच में भारत ने महज 20 रन के अंदर में अपना पहला विकेट गंवा दिया था. लेकिन सुरेश रैना और युवराज सिंह ने मिलकर 74 रनों की मैच विनिंग साझेदारी की थी. उस मैच में रैना ने 28 गेंदों पर 34 रनों की महत्व पूर्ण पारी खेली थी. जिसमें 2 चौके और 1 छक्का शामिल था. जबकि युवराज सिंह ने 57 रनों की पारी खेली थी.
उन दोनों की वो पारी ने 2003 विश्व कप फाइनल के मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार का भी बदला चुकता कर लिया था. बाद में 28 साल बाद भारत ने यह टूर्नामेंट को जीत लिया था. युवराज सिंह अपने दमदार प्रदर्शन की बदौलत उस टूर्नामेंट में मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीता था.