रांची : कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग ने कोऑपरेटिव बैंक के एजीएम हेमंत पांडेय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. विभाग के अपर सचिव सुनील कुमार सिन्हा ने इससे संबंधित आदेश बैंक के सीइओ को भेजा है. साथ ही तत्काल कार्रवाई कर इससे संबंधित सूचना विभाग को देने का निर्देश दिया है.
सरकार ने कोऑपरेटिव बैंक के एजीएम के खिलाफ वित्तीय अनियमितता संबंधी शिकायतों की जांच सितंबर 2019 में करायी थी. इसमें इस अधिकारी को विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया. इनमें बिना जरूरत के सामान खरीदने, बिना टेंडर के काम कराने तथा गलत तरीके से 16 करोड़ रुपये का निवेश करने जैसी अनियमितता शामिल है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशासक की सहमति के बिना ही कोटेक महिंद्रा में पांच करोड़, आसीआसीआइ में आठ करोड़ और रिलायंस में तीन करोड़ रुपये निवेश किये गये. एक के बजाय सभी शाखाअों के लिए आयरन सेफ का प्रस्तावरिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक की रांची शाखा द्वारा ‘आयरन सेफ’की मांग की गयी थी.
सिर्फ एक शाखा द्वारा की गयी इस मांग के आधार पर एजीएम ने दूसरी शाखाओं में भी ‘आयरन सेफ’ बनाने का प्रस्ताव तैयार कर इस पर एमडी और तत्कालीन उप विकास आयुक्त सह बैंक के प्रशासक की सहमति ले ली. इसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी कर बैंक के अन्य शाखाओं में भी ‘आयरन सेफ’ लगाने के काम पर 41.74 लाख रु खर्च किये.
टेंडर घोटाला भी हुआ कई शाखाओं मेंसरकार ने बैंक में जमा भूमि अधिग्रहण व अन्य प्रकार की मुआवजा राशि को आइएमपीएस (इंसटेंट पेमेंट सिस्टम) के सहारे सीधे लाभुकों के खाते में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. आइएमपीएस सॉफ्टवेयर के लिए टेंडर निकाल कर मेक्सिमा इंफोटेक को 2.58 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया गया.
लेकिन इसकी सुविधा नहीं मिली. उधर बैंक की लोहरदगा शाखा में 1.50 लाख रु, रांची में 1.49 लाख, तोरपा शाखा में 1.50 लाख, बुंडू शाखा में 1.46 लाख तथा पंडरा शाखा में 1.49 लाख रु की लागत पर मरम्मत और जीर्णोद्धार कर काम टेबल टेंडर के सहारे ही कराया गया.