संयुक्त राष्ट्र : कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुए आर्थिक संकट के कारण 2020 के अंत तक कम और मध्यम आय वाले देशों में गरीब घरों में रहने वाले बच्चों की संख्या 8.6 करोड़ तक बढ़ सकती है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार इस वायरस से पूरी दुनिया में 56,95,290 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 3,55,692 लोगों की मौत हो चुकी है.
यूनिसेफ और मानवतावादी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रेन’के संयुक्त अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी 2020 के अंत तक 8.6 करोड़ और बच्चों को पारिवारिक गरीबी में धकेल सकती है विश्लेषण में कहा गया है कि यदि महामारी के कारण होने वाली वित्तीय कठिनाइयों से परिवारों को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो कम और मध्यम आय वाले देशों में राष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बच्चों की कुल संख्या वर्ष के अंत तक 67.2 करोड़ तक पहुंच सकती है.
विश्लेषण में कहा गया है कि इनमें से लगभग दो-तिहाई बच्चे उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में रहते हैं. सबसे अधिक 44 प्रतिशत वृद्धि यूरोप और मध्य एशिया के देशों में देखी जा सकती है. लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों में 22 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा सकती है.
यूनिसेफ ने कहा है कोरोना की वजह से परिवारों पर आर्थिक संकट आएगा.इससे बच्चों में गरीबी कम करने में अब तक हुई प्रगति कई साल तक पीछे हो जाएगी. बच्चे जरूरी सेवाओं से वंचित हो जाएंगे.
Posted By : Mohan Singh