ठाणे : मुंबई में हुये आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब की सुनवाई के दौरान पहचान करने वाले मुख्य गवाह हरिश्चंद्र श्रीवर्धानकर का कल्याण स्थित उनके आवास में निधन हो गया. वह 70 साल के थे.
परिवार के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. मुंबई में 26 नवंबर 2008 की रात कामा अस्पताल के निकट हरिश्चंद्र को दो गोली लगी थी जब दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने इस हमले को अंजाम दिया था. उन्होंने कसाब के साथी अबु इस्माइल को अपने आफिस के बैग से मारा था.
परिवार के सूत्रों ने बताया, ‘‘मंगलवार की रात उनका निधन हो गया.” हरिश्चंद्र पहले ऐसे गवाह थे जिन्होंने विशेष अदालत के समक्ष कसाब की पहचान की थी और उसके खिलाफ गवाही भी दी थी. कसाब एकमात्र आतंकवादी था जिसे जिंदा पकड़ा गया था और 21 नवंबर 2012 को पुणे की यरवदा जेल में उसे फांसी पर लटकाया गया था.
बता दें, हरिश्चंद्र सरकारी कर्मचारी थे. 26/11 के आतंकी हमले में इन्हें दो गोलियां लगी थीं. इसके अलावा वो 26/11 के हमले के एक प्रमुख गवाह भी थे. हरिश्चंद्र ने स्पेशल कोर्ट के सामने कसाब को पहचाना था और उसके खिलाफ गवाही दी थी.