रांची : मुख्यमंत्री ने राजस्व वसूली के लिए कठोर कदम उठाने के संकेत दिये हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में संसाधन कैसे आयेंगे, इस दिशा में वह होमवर्क कर रहे हैं. बहुत जल्द किसी नतीजे पर पहुंचेंगे. अभी एक-एक रुपया के लिए केंद्र की ओर टकटकी लगाये खड़े रहना पड़ता है. झारखंड के लोग भी अपने पैरों पर खड़े होंगे और झारखंड भी अपने पैरों पर खड़ा होगा. मुख्यमंत्री ने यह बात बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बात करते हुए कही.
नेता प्रतिपक्ष की जब जरूरत होगी, बन जायेंगे
झारखंड में अभी तक नेता प्रतिपक्ष नहीं है, इस पर सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की अभी ज्यादा भूमिका नहीं है. जब भूमिका होगी तो बन जायेंगे. एक अफसर द्वारा प्रवासी श्रमिक को ट्रेन से कूद जाओ कहने पर सीएम ने कहा कि ऐसी बातों को संज्ञान में लिया गया है. ऐसे आचरण करनेवाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी. सीएम ने कहा कि झारखंड के स्थानीय युवाओं को नौकरी के साथ-साथ आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में भी भागीदारी हो, इस पर सरकार ने फैसला लिया है. जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले और वह दूसरे को भी रोजगार दे सकें. सरायकेला में एक पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई पर सीएम ने कहा कि उन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है. जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहेंगे. प्रवासी को सुरक्षित घर पहुंचाना सरकार की जवाबदेही एयर एशिया की फ्लाइट से गुरुवार सुबह सवा आठ बजे झारखंड के 180 प्रवासी मजदूर मुंबई से वापस अपने घर आयेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपना काम कर रहे हैं. प्रवासी मजदूरों की सहायता के अपने वादे को पूरा करने के लिए कृतसंकल्पित हैं.मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाना सरकार की जवाबदेही है. जल्द ही लद्दाख, त्रिपुरा सहित पूवोत्तर राज्यों और अंडमान में भी फंसे मजदूरों को विमान से लाया जायेगा. लद्दाख में बॉर्डर रोड संगठन के निदेशक ने भी सरकार को झारखंड के श्रमिकों की सुरक्षित वापसी में सहयोग की बात कही है. ये अच्छी खबर है कि अब लोग आ रहे हैं. जो छूट रहे हैं, उनको भी खोज कर किसी तरह लायेंगे. अभी राजनीति करने का वक्त नहीं है. अभी संक्रमण से बाहर निकलने का और मजदूरों के मन में जो डर है उसे खत्म करने का है. अभी अंडमान में भी लोग फंसे हैं, उन्हें लाने के लिए बातचीत चल रही है. सात राज्यों में फंसे मजदूरों को विमान से लाने के प्रयास तेज मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सुदूर राज्यों में फंसे करीब डेढ़ हजार झारखंडियों को चार्टर्ड प्लेन से वापस लाने का प्रयास तेज कर दिया है. उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिया है. राज्य सरकार लद्दाख और उत्तर-पूर्वी राज्यों में फंसे 650 और अंडमान एवं निकोबार में फंसे 319 झारखंडी श्रमिकों को विमान से वापस लाने की तैयारी कर रही है.