लोहरदगा/चान्हो : करंट लगे युवक जितेंद्र उरांव को चान्हो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद पोस्टमार्टम के लिए उसे रिम्स भेज दिया गया. यहां पोस्टमार्टम हाउस पहुंचने पर दोपहर एक बजे पता चला कि युवक की सांसें चल रही है. परिजन आनन-फानन में उसे इमरजेंसी विभाग ले जाने लगे, लेकिन इसी बीच उसकी मौत हो गयी. इमरजेंसी विभाग के डॉक्टरों ने कहा कि युवक की मौत कुछ देर पहले हुई है.
वहीं, रिम्स के पोस्टमार्टम विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि युवक के दिल की धड़कन मिल रही थी, इसलिए पोस्टमार्टम नहीं किया गया. परिजनों से कहा गया कि वे युवक को इमरजेंसी में ले जायें. इमरजेंसी के डॉक्टरों ने जब वहां से युवक को मृत घोषित कर दोबारा भेजा तब उसका पोस्टमार्टम किया गया. वहीं, युवक के परिजनों का कहना है कि समय पर युवक का इलाज किया जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी. युवक की मौत के लिए परिजनों ने चान्हो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों को दोषी बताया है.यह है मामलालोहरदगा के कैरो थाना के खरता गांव में सुबह पांच बजे टेंट खोलने के दौरान 26 वर्षीय जितेंद्र उरांव को करंट लग गया था.
उसे इलाज के लिए चान्हो स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. चान्हो की डॉक्टर बोलीं : क्लिनिकली जीवित होने के लक्षण नहीं थे चान्हो की चिकित्सा प्रभारी डॉ नमिता टोप्पो ने कहा कि मंगलवार को जब जितेंद्र उरांव को सुबह करीब साढ़े छह बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चान्हो लाया गया था. स्वास्थ्य केंद्र लाने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी. उसमें क्लिनिकली जीवित होने के कोई लक्षण नहीं थे. उसके बाद भी उसके परिजन उसे इलाज के लिए रिम्स रेफर करने की मांग कर रहे थे. उन्होंने परिजनों को समझाया था कि डेड बॉडी को रिम्स रेफर नहीं किया जा सकता है. इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना चान्हो थाना को दी थी. चान्हो पुलिस ने मृतक का पंचनामा तैयार किया था. पंचनामा के बाद ही पूर्वाह्न करीब साढ़े 10 बजे पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा गया था.