गुमला जिले में कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने के बाद जांच रिपोर्ट आने में देरी हो रही है. इससे लोग परेशान हैं. कई लोग कोरेंटिन सेंटर में 14 दिन से भी अधिक समय से रह रहे हैं. परंतु उनकी रिपोर्ट अभी तक पेंडिंग है. 14 दिन का समय पूरा करने वाले लोग कोरेंटिन में लगातार हंगामा कर रहे हैं. इसके बाद भी प्रशासन कोरेंटिन में रहने वाले लोगों की मदद नहीं कर पा रही है. पूरा मामला क्या है, पढ़ें गुमला से प्रभात खबर के ब्यूरो दुर्जय पासवान की रिपोर्ट…
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परिवार से दूर रहने के कारण कोरेंटिन में रहने वाले कई लोग अजीब तरह की हरकतें भी करने लगे हैं. समाज सेवी मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन ने कहा कि 11 मई को गुमला जिले से 153 लोगों का कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया था. अब 15 दिन हो गये. अभी तक सैंपल की रिपोर्ट पेंडिंग है. जांच रिपोर्ट रांची से कब आयेगी, इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के कोई अधिकारी नहीं दे रहे हैं.
ना ही कोरेंटिन में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सही जानकारी देते हैं. जिस कारण कई परिवार परेशान हैं. ऐसा न हो कि कोरोना की जगह लोग कोरेंटिन में रहते रहते मानसिक रोगी बन जाएं. मिन्हाजुद्दीन ने कहा है कि गुमला के सिविल सर्जन तो किसी से बात करना भी मुनासिब नहीं समझती है. कोरोना रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर उनका एक ही बयान आता है. मैं नहीं जानती, जो भी जानकारी देंगे गुमला डीसी देंगे.
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मिन्हाजुद्दीन ने कहा कि अब आम पब्लिक डीसी से कैसे संपर्क करें. कोरोना रिपोर्ट की सूची सीएस के पास होनी चाहिए न कि डीसी के पास. इधर, विज्ञान भवन गुमला के कोरेंटिन सेंटर से एक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि मैं यहां रहते रहते परेशान हो गया हूं. मैं 14 दिन से अधिक समय से कोरेंटिन में हूं. परंतु अभी तक रिपोर्ट पेंडिंग बता रही है.
उन्होंने कहा कि परिवार से मिलना है. घर पर रहना है. परंतु यहां प्रशासन ने कैदी बनाकर छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि मैं पहले ही 40 दिनों का कोरेंटिन पूरा कर चुका हूं. गुमला में आने के बाद प्रशासन ने पुन: 14 दिनों के कोरेंटिन में रख दिया है. उन्होंने प्रशासन से सैंपल निगेटिव होने पर घर भेजने की गुहार लगायी है.