कोविड 19 महामारी की वजह से भारत के हजारों नागरिक दुनिया के विभिन्न देशों में फंसे हैं. फंसे भारतीयों को वापस लाने और अपने ही देश में एक राज्य से दूसरे राज्य तक प्रवासी श्रमिकों को उनके निवास स्थान तक पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से वंदे भारत योजना की शुरुआत की गयी है. सरकार की इसी योजना के तहत देश में ट्रेनों और हवाई सेवाओं की शुरुआत की गयी है, तो विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाया जा रहा है. निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज नंकदी संकट की वजह से बीते एक साल से भी अधिक समय से बंद है, लेकिन उसके प्रबंधन ने सरकार को सहयोग देने का वादा किया है.
नयी दिल्ली : नकदी संकट की वजह से करीब एक साल से अधिक समय से अपनी सेवाओं को निलंबित कर चुकी विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने वंदे भारत मिशन के तहत विदेश में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए अपने दो बोइंग विमानों की पेशकश की है. कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय को लिखे एक पत्र में यह पेशकश की गयी है. हालांकि, यह विमानन कंपनी इस समय दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है और इसके मामलों का प्रबंधन दिवालिया समाधान पेशेवर आशीष छावछरिया कर रहे हैं.
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बता दें कि निजी क्षेत्र की इस विमानन कंपनी के संस्थापक और पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नरेश गोयल के मुंबई स्थित आवास पर बीते पांच मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी भी की थी. कंपनी के पूर्व सीईओ गोयल पर आरोप है कि वो अप्रत्यक्ष रूप से विदेश में कई कंपनियों पर नियंत्रण रखते थे, जिसमें से कुछ टैक्स हेवन देशों में हैं. शुरुआती जांच में यह बात भी सामने आयी थी कि नरेश गोयल ने टैक्स बचाने के लिए घरेलू और विदेशी कंपनियों के बीच कई संदिग्ध लेन-देन किये और धन को देश से बाहर भेजा.
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कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) लागू कर रहा है. छावछरिया ने दो विमानों की पेशकश के अलावा, इन उड़ानों के लिए धन की आवश्यकता का भी उल्लेख किया है. उन्होंने 20 मई को कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास को लिखे एक पत्र में कहा कि वंदे भारत मिशन के लिए दो बोइंग 777-300 ईआर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
पिछले साल अगस्त में ईडी ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के आवास की तलाशी ली थी, जिसमें उनकी 19 कंपनियों के विवरण मिले थे. इनमें से पांच कंपनियां विदेश में हैं. इससे यह भी पता चला कि संदिग्ध लेनदेन के जरिये धन को विदेश भेजकर गबन किया गया.
उन्होंने कहा, ‘आपके इच्छानुसार, मैंने यह मूल्यांकन किया है कि जेट एयरवेज अपने बोइंग 777-300 ईआर विमान बेड़े के जरिये विभिन्न देशों में (कोविड-19 महामारी के कारण) फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार (वंदे भारत मिशन के तहत) की सहायता कर सकता है.
पत्र में लिखा है कि प्रारंभिक आकलन के आधार पर मुझे पूरा विश्वास है कि वंदे भारत मिशन में भाग लेने के लिए जेट एयरवेज दो बोइंग 777-300 ईआर विमान के साथ शुरुआत कर सकता है, जिसे चार विमानों तक बढ़ाया जा सकता है. इस पेशकश की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है. श्रीनिवास और छावछरिया टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। इस समय जेट एयरवेज के पास 12 विमान हैं.
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