बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज मिडिया से संवाद किया और प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनो दलों पर प्रहार किया. मायावती ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों प्रवासी श्रमिकों की वर्तमान स्थिति के लिए समान रूप से जिम्मेदार है.उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए यह बेहतर होता अगर लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले ही प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थानों पर भेजे जाने के लिए कुछ समय और सुविधा दी जाती.
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केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को बताया जिम्मेदार :
समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, मायावती ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने प्रवासियों पर ध्यान नहीं केंद्रित किया. जब प्रवासी मजदूर भूख से मरने लगे और उनकी कंपनियों के द्वारा उन्हें मजदूरी नहीं दी गई, तो वे हताशा में अपने राज्यों की ओर बढ़ने लगे क्योंकि उनके पास कोई विकल्प नहीं था. भाजपा और कांग्रेस दोनो पर मायावती ने एक दूसरे पर आरोप लगाते रहने का आरोप लगाया.
बाहर जाने के लिए प्रवासियों को किया गया मजबूर :
मायावती ने कांग्रस पर प्रहार करते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने गरीबों के उत्थान के लिए शायद ही कुछ किया हो. आजीविका कमाने के लिए जनता के लिए उनके मूल स्थानों में उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई.उन्हें काम की तलाश में अपने गृहनगर से बाहर जाने के लिए मजबूर किया गया.
लंबे समय तक सत्ता में रहकर भी कांग्रेस रही लापरवाह :
मायावती ने कहा कि आजादी के बाद, कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही और कई राज्यों में शासन किया. दलितों, किसानों और आदिवासियों सहित समाज के कमजोर वर्गों का उनके शासनकाल में गांवों से बड़े शहरों में बड़े पैमाने पर पलायन हुआ. उनके कार्यकाल में लोगों को आजीविका के साधन हासिल करना मुश्किल हो गया.