गोगरी : कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिये किये गये लॉकडाउन के दौरान अंडे की दुकानदारी पर खासा असर पड़ा है. कोरोना के खौफ से अंडा के शौकीन भी भयभीत हैं. इसलिए परहेज कर लिया है. जिसकारण उत्पादन के सापेक्ष अंडे की खपत आधी रह गई है. कीमत में भी भारी गिरावट आयी है. अंडा कारोबार तबाही के कगार पर हैं. लॉकडाउन में हरी सब्जी और फल का कारोबार तो चलता रहा.
वहीं मांसाहारियों को काफी परेशानी से रूबरू होना पड़ा. मछली, अंडा एवं मुर्गा दुकानों को कुछ शर्तों के साथ छूट मिली. मछली और मुर्गा की कीमतें तो आसमान छूती नजर आयी, लेकिन अंडा के मामले में ऐसा नहीं हुआ. अंडा के थोक कारोबारी अफरोज ने बताया कि लॉकडाउन में लेनदेन की परेशानी काफी हुई.
पूंजी फंसी हुई है, कारोबार किसी तरह चल रहा है. फिलहाल नये सिरे से निवेश करना पड़ रहा है. स्टाक भरपूर होने की वजह से रेट में अंतर नहीं है.खुदरा विक्रता गोविन्द, सजन कुमार, इटहरी के मुकेश कुमार बताते हैं कि लॉकडाउन में बहुत परेशानी हो रही है. पहले अंडे काफी मंगाते थे, पर अभी खपत कम हो गई है. इसलिए मंगा नहीं रहे हैं क्योंकि खराब होने का डर बना रहता है. इधर लॉकडाउन के बाद लाइसेंसी और गैर लाइंसेंसी मुर्गा दुकानों को कारोबार की छूट दी गई है. ऐसे में मछली मार्केट में दुकानें खुल रही हैं.