16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विषाणु वैज्ञानिक का दावा लॉकडाउन से भी अब नहीं थमेगी कोविड-19 की रफ्तार

लॉकडाउन (lockdown) से अब कोविड-19 (covid-19,coronavirus) को रोकने में मदद नहीं मिलेगी. यह बात जाने-माने विषाणु वैज्ञानिक शाहिद जमील ने कही है.

लॉकडाउन से अब कोविड-19 को रोकने में मदद नहीं मिलेगी. यह बात जाने-माने विषाणु वैज्ञानिक शाहिद जमील ने कही है. उनका मानना है कि भारत में अब देशव्यापी लॉकडाउन से कोरोना वायरस से निपटने में मदद नहीं मिलेगी और इसके बजाए सामुदायिक स्तर पर रोकथाम के कदम उठाने एवं कोरेंटिन जैसी रणनीतियां अपनाए जाने की आवश्यकता है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित जमील ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) का पता लगाने के लिए व्यापक स्तर पर जांच की जानी चाहिए और ऐसे क्षेत्रों को पृथक किया जाना चाहिए. जमील ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘इस समय हम हर 10 लाख की आबादी पर 1,744 नमूनों की जांच कर रहे हैं और जांच की यह दर दुनिया में सबसे कम दरों में से एक है. हमें एंटीबॉडी जांच और पुष्टि के लिए पीसीआर जांचें, दोनों करनी चाहिए. इनसे हमें पता चलेगा कि कितने लोग संक्रमित हैं और कितने लोग संक्रमण से उबर चुके हैं. इससे हमें जो आंकड़े मिलेंगे, उनसे धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाने और आर्थिक गतिविधियां बहाल करने में मदद मिलेगी.”

Also Read: चीन के बैंकों ने बढ़ाई अनिल अंबानी की टेंशन, 21 दिन में चुकाने होंगे 5,448 करोड़

उन्होंने कहा कि रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन पर लगातार नजर रखने के लिए व्यापक जांच करनी चाहिए. भारत में कोरोना वायरस के सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के बारे में पूछे जाने पर जमील ने कहा कि देश में यह बहुत पहले ही इस स्तर पर पहुंच चुका है. हम बहुत पहले ही इस स्तर पर पहुंच गए हैं. बात सिर्फ इतनी है कि स्वास्थ्य प्राधिकारी यह स्वीकार नहीं कर रहे हैं. यहां तक कि आईसीएमआर का एसएआरआई (श्वास संबंधी अत्यंत गंभीर बीमारी) संबंधी अपना अध्ययन बताता है कि जो लोग संक्रमित पाए हैं, उनमें से 40 प्रतिशत लोग न तो हाल में विदेश गए थे और ना ही वे ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आए थे, जिसके संक्रमित होने की पुष्टि हुई हो. यदि यह सामुदायिक स्तर पर संक्रमण नहीं है, तो यह क्या है?”

जमील ने कहा कि लॉकडाउन लागू करने से भारत को कोरोना वायरस से निपटने के लिए समय मिल गया, लेकिन इसे जारी रखने से अब कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘‘इसके बजाए, सामुदायिक स्तर पर स्थानीय लॉकडाउन और लोगों को पृथक-वास में रखने से लाभ होगा. भरोसा कायम करना बहुत जरूरी है ताकि लोग नियमों का पालन कर सकें. स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या से कानून-व्यवस्था संबंधी समस्या की तरह नहीं निपटा जा सकता.”

Also Read: राहुल गांधी ने दिखाई मजदूरों के दर्द वाली डॉक्युमेंट्री, यूट्यूब पर जारी किया वीडियो

देश में सबसे पहले 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू किया गया था. तब से इसे तीन बार बढ़ाया जा चुका है और यह 31 मई तक लागू रहेगा. देश में इस वायरस से अब तक 1.25 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से 3,720 लोगों की मौत हो चुकी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें