नागपुर : बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने नगर निकाय द्वारा जारी एक अधिसूचना पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया जिसके तहत नागपुर को कोविड-19 रेड जोन घोषित किया गया है और शहर में मुंबई और पुणे की ही तरह लॉकडाउन लागू करने को कहा गया है.
न्यायमूर्ति रवि देशपांडे और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंड पीठ दर्पण सेल्स कॉर्पोरेशन और साइ कलेक्शन द्वारा दाखिल दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें नागपुर महानगरपालिका आयुक्त तुकाराम मुंधे की चार मई की अधिसूचना को चुनौती दी गई. इस अधिसूचना में शहर को कोविड-19 रेड जोन घोषित किया गया था . याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि महानगरपालिका आयुक्त के पास ऐसे आदेश देने का कोई अधिकार या शक्ति नहीं है जब राज्य सरकार पहले से जोन निर्धारित कर चुकी है.
नगर निकाय के वकील एस एम पुराणिक ने अदालत को शुक्रवार को सूचित किया कि मुंधे ने 21 मई को अन्य अधिसूचना जारी कर नागपुर को 31 मई तक रेड जोन घोषित किया जब राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का चौथा चरण समाप्त होना है. पीठ ने कहा कि जब तक नागपुर नगर निकाय द्वारा जारी अधिसूचना को असंवैधानिक नहीं घोषित किया जाता तब तक अदालत के लिए इस पर रोक लगाना संभव नहीं है.
अदालत ने याचिका पर अगली सुनवाई जून में तय की है. महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस हफ्ते की शुरुआत में जारी नये दिशा-निर्देशों के मुताबिक नागपुर रेड जोन में नहीं था. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि पूरे शहर में लॉकडाउन लागू करने के नगर निकाय के कदम की वजह से उनके पास आजीविका के साधन नहीं हैं