नयी दिल्ली : चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ में ओडिसा और कोलकाता में भारी तबाही मचायी. हालांकि तूफान चक्रवाती तूफान का पहले से सटीक पूर्वानुमान होने के कारण जानमाल की क्षति को कम करने का पूरा प्रयास किया गया. इसके कारण ‘अम्फान’ के कारण इतनी तबाही नहीं हुई, जितनी इसके कारण हो सकती थी. भारतीय मौसम विबाग ने बताया कि साढ़े तीन दिन पहले ही आईएमडी ने चक्रवात के रास्ते, उसकी तीव्रता, तूफान के बढ़ने, इसके पहुंचने के समय और उससे जुड़े मौसम के बारे में सटीक पूर्वानुमान दिया. भारत अब उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जो मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगा सकता है. आईएमडी ने अम्फान चक्रवात से संबंधित सटीक अनुमान मुहैया कराने के लिए उपलब्ध सभी हालिया जानकारी और नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया.
विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मौसम विभाग ने अम्फान चक्रवात पर सटीक अनुमान के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जो सार्थक साबित हुई. उन्होंने कहा कि आईएमडी ने चक्रवात के रास्ते, उसकी तीव्रता, तूफान के बढ़ने, इसके पहुंचने के समय और उससे जुड़े मौसम के बारे में सटीक पूर्वानुमान दिया. हमने इसके रास्ते को लेकर साढ़े तीन दिन पहले ही अनुमान लगा लिया था. उन्होंने यह भी कहा कि चक्रवात पर निगरानी रखने के लिए सैटेलाइट के अलावा विशाखापत्तनम में पूर्वी तट के साथ ही रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के चांदीपुर, गोपालपुर, पारादीप और कोलकाता के केंद्रों के डॉप्लर रडार के पूरे तंत्र का भी इस्तेमाल किया गया.
महापात्र ने कहा कि भयंकर चक्रवाती तूफान कमजोर हो गया और बुधवार को रात करीब साढ़े ग्यारह बजे बांग्लादेश की ओर बढ़ गया. उन्होंने कहा कि अभी पश्चिम बंगाल में चक्रवात का कोई प्रभाव नहीं रह गया है और इससे राहत एवं बचाव कार्य में सहायता मिलेगी. ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में बुधवार को 190 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले विकराल चक्रवाती तूफान अम्फान के कारण भारी तबाही हुई.
पश्चिम बंगाल में पिछले 100 साल में आए सबसे भयंकर चक्रवात के कारण कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई जबकि हजारों लोग बेघर हो गए. वहीं, एजेंसी भाषा के मुताबिक आईएमडी ने कहा कि असम, मेघालय और हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. इन राज्यों में दूर-दराज के क्षेत्रों में तेज से मूसलाधार बारिश की भी संभावना है. पश्चिमी असम और पश्चिमी मेघालय में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है.