रांची : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण लॉकडाउन है. हाइकोर्ट सहित राज्य की अधीनस्थ न्यायालयों में नियमित काम ठप है. इससे करीब 30,000 अधिवक्ताओं को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में झारखंड एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्टी कमेटी के चेयरमैन सह महाधिवक्ता राजीव रंजन ने ट्रस्टी फंड से जरूरतमंद अधिवक्ताअों को आर्थिक सहायता देने पर सहमति दी है. अधिवक्ताओं को अधिकतम 5000 रुपये की सहायता दी जायेगी. ट्रस्टी कमेटी ने प्रस्ताव तैयार किया है. इसे झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने स्वीकृति प्रदान की है. आर्थिक सहायता के लिए फाॅर्मेट भी तैयार किया गया है, इसे शीघ्र जारी किया जायेगा.
बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने बताया कि आर्थिक सहायता के लिए कुछ शर्तें तय की गयी हैं. झारखंड एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्टी कमेटी का सदस्य होना, स्टेट बार काउंसिल से इनरोल होना, सक्रिय प्रैक्टिशनर होना, आय का कोई दूसरा स्रोत नहीं होना, आवेदनकर्ता अधिवक्ता के बचत खाते में 15 मार्च 2020 तक 50 हजार रुपये से अधिक राशि जमा नहीं रहना आदि शर्तों को पूरा करनेवाले को ही आर्थिक सहायता दी जायेगी.
झूठे स्टेटमेंट पर सहायता लेनेवाले के खिलाफ ट्रस्टी कमेटी उचित एक्शन भी लेगी. बीसीआइ भी दे रहा है 45 लाख रुपये, आवेदन आमंत्रितबार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) ने झारखंड के अधिवक्ताओं की सहायता के लिए 45 लाख रुपये दिये हैं. बीसीआइ प्रतिनिधि प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि फॉर्मेट सभी बार एसोसिएशन को पहले ही भेजा जा चुका है. भरे हुए फाॅर्म मिल जाने के बाद कितनी राशि की सहायता दी जाये, इसका निर्णय लिया जायेगा. 45 लाख रुपये से ही अधिवक्ताओं को सहायता पहुंचानी है.