पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आ रहा है. जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड रही है वहीं वह भारत में घुसपैठ कराने का प्रयास कर रहा है. एलओसी के पार 300 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ की ताक में बैठे हुए हैं जबकि भीतरी क्षेत्र में 240 आतंकी सक्रिय हैं.
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि एलओसी के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकाने में 300 से ज्यादा आतंकवादी मौजूद हैं और वे भारत में घुसपैठ करने की फिराक में हैं. सिंह ने बताया कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के पाकिस्तान के मंसूबे को नाकाम करने के लिए सुरक्षाकर्मी पूरी चौकसी बरत रहे हैं.
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उन्होंने पुलिस मुख्यालय में पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया कि जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने के इरादे से उस तरफ बड़ी संख्या में आतंकवादी जमा हैं. कश्मीर घाटी में घुसपैठ की करीब चार घटनाएं पहले ही हो चुकी हैं और राजौरी-पुंछ इलाके में इस तरह के दो-तीन प्रयास हुए हैं.
इस पर चिंता प्रकट करते हुए डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान की आईएसआई, सेना और अन्य एजेंसियां बहुत सक्रिय हैं और आतंकी ठिकाने में प्रशिक्षित आतंकवादी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हमारी एजेंसियों के नवीनतम आकलन के मुताबिक कश्मीर की तरफ (पीओके में एलओसी के पास आतंकी ठिकाने में) आतंकवादियों की अनुमानित संख्या 150 से 200 के करीब है और इस तरफ (जम्मू क्षेत्र) 100 से 125 आतंकवादी हैं.
पुलिस प्रमुख ने कहा कि आतंकवादियों के चार समूह जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘‘अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के संबंध में मौजूदा वर्ष के दौरान दो से तीन आतंकवादी समूहों ने घुसपैठ किया है. पाकिस्तान की नापाक हरकत जारी है.
आगे डीजीपी ने कहा कि इस साल जम्मू कश्मीर में 30 आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ की रिपोर्ट मिली है. दोनों तरफ (जम्मू और कश्मीर क्षेत्र) मिलाकर इस साल यह संख्या 30 के करीब हो सकती है. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए चिंता की बात है. सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के भीतरी हिस्से में 240 से ज्यादा आतंकी सक्रिय हैं.
उन्होंने कहा कि यह संख्या लगातार घट रही है. इस साल हमने 270 के आंकड़े के साथ शुरूआत की थी. आज यह संख्या 240 के करीब है. हम अब तक 70 से ज्यादा आतंकियों का सफाया करने में कामयाब हुए हैं. इसमें विभिन्न आतंकी संगठनों के 21 कमांडर भी हैं. ये सभी कश्मीर और जम्मू क्षेत्र में सक्रिय थे.