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WHO को डोनाल्ड ट्रंप का अल्टीमेटम, कहा- 30 दिनों में करें सुधार नहीं तो…

चीन से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका में मची है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन और डब्ल्यूएचओ पर हमलावर हैं. अब डोनाल्ड ट्रंप ने डब्लूएचओ को अल्टीमेटम दे दिया है. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहानोम ग्रेब्रेयेसुस को बड़े बदलाव करने की 30 दिनों की डेडलाइन दी है.

चीन से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका में मची है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन और डब्ल्यूएचओ पर हमलावर हैं. अब डोनाल्ड ट्रंप ने डब्लूएचओ को अल्टीमेटम दे दिया है. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहानोम ग्रेब्रेयेसुस को बड़े बदलाव करने की 30 दिनों की डेडलाइन दी है.

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ऐसा न करने की सूरत में राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी देते हुए है कि संगठन को दिया जाने वाला फंड स्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा. अपने ट्वीट में राष्ट्रपति ट्रंप ने डब्लूएचओ प्रमुख को भेजी पूरी चिट्ठी ही शेयर की है. चिट्ठी में ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस बात को लेकर आलोचना की है कि उसने जरूरी कदम नहीं उठाये. ट्रंप ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ ने वुहान में पिछले साल दिसंबर में फैले इस वायरस से जुड़ी भरोसेमंद रिपोर्टों को लगातार नजरअंदाज किया.

उन्होंने चीन की लगातार तारीफ करने के लिए भी डब्ल्यूएचओ की निंदा की. ट्रंप ने ये भी कहा है कि डब्ल्यूएचओ के लिए आगे बढ़ने का केवल यही तरीका है कि वो ‘खुद को चीन से स्वतंत्र दिखाए’. राष्ट्रपति का कहना है कि अगर डब्ल्यूएचओ ने बड़े सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता नहीं दिखलाई तो फंड तो बंद होगा ही अमेरिका डब्ल्यूएचओ का सदस्य बने रहने पर भी पुनर्विचार कर सकता है. मालूम हो कि ट्रंप ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने में डब्ल्यूएचओ की भूमिका की समीक्षा होने तक अमेरिका की ओर से किए जाने वाले भुगतान पर अस्थाई रूप से रोक लगाई हुई है.

चीन के हाथ की कठपुतली है डब्ल्यूएचओ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर एक बार फिर सोमवार को हमला बोला और कहा कि संयुक्त राष्ट्र का यह स्वास्थ्य निकाय चीन के हाथ की ‘कठपुतली’ है. ट्रंप ने दावा किया कि अगर उन्होंने चीन से यात्रा पर प्रतिबंध नहीं लगाए होते तो कोरोना वायरस से देश में और लोगों की मौत हुई होती जिसका स्वास्थ्य एजेंसी ने ‘विरोध’ किया था. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से ये बातें कहीं. ट्रंप ने एक सवाल के जवाब में कहा, मुझे लगता है कि उन्होंने बहुत खराब काम किया है. अमेरिका उन्हें हर साल 45 करोड़ डॉलर देता है. चीन उनको साल में 3.8 करोड़ डॉलर का भुगतान करता है.

तो अमेरिकी में होती ज्यादा मौतें

ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एवं पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन भी इस प्रतिबंध के खिलाफ थे. उन्होंने कहा, सुस्त जो बाइडेन ने भी यही बात कही थी. उन्होंने कहा कि मैं विदेशी लोगों से नफरत करता हूं. ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि मैंने कहा था कि चीन से आने वाले लोग देश में प्रवेश नहीं कर सकते. आप अब बहुत जल्दी हमारे देश में प्रवेश नहीं कर सकते और बाइडेन ने कहा कि मैं विदेशियों से नफरत करता हूं. ट्रंप ने कहा, अगर मैंने प्रतिबंध नहीं लगाया होता, तो इस देश ने हजारों और लोगों को गंवा दिया होता. यह बहुत महत्त्वपूर्ण प्रतिबंध था. लोग प्रतिबंध के बारे में बात करना पसंद नहीं करते लेकिन यह बहुत महत्त्वपूर्ण था. राष्ट्रपति ने दावा किया कि उन्हें छोड़कर कोई नहीं चाहता था कि यह प्रतिबंध लगाया जाए.

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