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मध्याह्न भोजन योजना का सीधा लाभ बच्चों के खाते में देने का मामला निष्पादित

झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को स्कूल बंद के दाैरान मध्याह्न भोजन योजना का सीधा लाभ बच्चों के खाते में देने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना.

रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को स्कूल बंद के दाैरान मध्याह्न भोजन योजना का सीधा लाभ बच्चों के खाते में देने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. सरकार के जवाब को देखते हुए मामला निष्पादित कर दिया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सोनल तिवारी ने बताया कि लॉकडाउन में भी बच्चों को एमडीएम का लाभ दिया जाये.

एमडीएम के तहत पका हुआ भोजन नहीं दे सकते हैं, तो फूड एलाउंस बच्चों के खाते में दिया जाये. आवासीय विद्यालयों के बच्चों को भी यह सुविधा देनेे का आग्रह किया गया. इस पर राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता मनोज कुमार ने खंडपीठ को बताया कि एमडीएम केंद्र सरकार की योजना है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दाैरान भी झारखंड में बच्चों को एमडीएम का लाभ दिया जा रहा है. गर्मी के अवकाश में भी इसका लाभ दिया जायेगा. एमडीएम के तहत कच्चा राशन व उसे पकाने का खर्च बच्चों के घर जाकर पहुंचाया जा रहा है. आवासीय विद्यालयों में एमडीएम लागू नहीं है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अोंकार विश्वकर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी.

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