झारखंड के गुमला जिले का रहने वाला राजेश कुमार पेशे से राजमिस्त्री है. वह हरियाणा के गुड़गांव में रहता था तीन दिनों तक लगातार जुगाड़ गाड़ी चला कर रविवार की शाम वह सपिरवार चांदनी चौक पहुंचा था. उसने बताया कि लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया. 50 दिनों तक किसी तरह से घर का खर्चा चला. पांच दिन पहले घर का राशन खत्म हो गया. तीन बच्चे और पत्नी समेत भूखे मरने की नौबत आ गयी थी.
गांव जाने का भी कुछ उपाय नहीं सूझ रहा था, तब उसने अपने ठेकेदार से तीन हजार रुपये कर्ज लिया . पत्नी के कुछ गहने बेचे. किसी तरह से समान ढोनेवाले ठेला को जुगाड़ गाड़ी बनाकर पूरे परिवार समेत घर के लिए निकल गया. राजेश और उसके पूरे परिवार के चेहरे पर थकान साफ झलक रही थी.
उसने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ भूखे सो जाता था. लेकिन बच्चों की भूख उससे देखी नहीं जाती थी. गुड़गांव से झारखंड के लिए चला तब विश्वास नहीं था कि घर पहुंच भी पायेंगे. लेकिन अब नजदीक पहुंच गये हैं, तो एक – दो दिन में अपनी मंजिल पा लेंगे.