नयी दिल्ली : कोरोना के खतरे को समय पर भांपते हुए इसके रोकथाम के लिए निर्णायक कदम उठाने से देश में संक्रमण की रफ्तार को रोकने में मदद मिली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा उठाये गये कदमों के कारण भारत कि स्थिति कई देशों से अच्छी है. इससे जाहिर होता है कि संकट के समय देश के शीर्ष नेतृत्व का आकलन कई तरीके से करता है. पहला जब संकट आये, तो तत्काल कदम उठाना जरूरी होता है. कोरोना संकट को समय पर पहचान कर प्रधानमंत्री ने अपनी क्षमता साबित की और देश को बड़े नुकसान से बचा लिया. संकट के समय ही लोगों के सही व्यक्तित्व का पता चलता है और यही बात नेतृत्व के लिए भी है. सामान्य हालात में नेतृत्व करना चुनौतीपूर्ण नहीं होता है, लेकिन संकट के समय सबसे अच्छे की पहचान होती है. वैश्विक स्तर पर कोरोना संकट ने नेतृत्व की परीक्षा ली है और इसमें भारत और प्रधानमंत्री ने उदाहरण पेश किया है.
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत न सिर्फ कोरोना के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है, बल्कि कोरोना संकट के बाद की स्थिति के लिए भी तैयारी में जुटा है. आत्मनिर्भर भारत बनाने की अपील और पिछले पांच दिनों में इस दिशा में उठाये गये कदमों को इतिहास में याद किया जायेगा. संकट के समय उठाये गये इस ऐतिहासिक कदम से आने वाले समय में वैश्विक सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. इस निर्णय से सभी भारतीय के हौसले बुलंद हैं. भारत के आर्थिक विकास के लिए अहम लगभग सभी क्षेत्रों में बड़े सुधार किये गये हैं. गरीब, प्रवासी मजदूर से लेकर रेहड़ी-पटरी, छोटे व्यापारी, किसान के कल्याण के लिए पैकेज की घोषणा की गयी है.
मनरेगा का आवंटन बढ़ाने के साथ हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के विकास से देश को मजबूती मिलेगी. एमएसएमइ क्षेत्र को सस्ते दर पर तीन लाख करोड़ का कर्ज देने और कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव आने की उम्मीद है. सही नेतृत्व संस्थागत सुधार को महत्व देता है और भविष्य के लिए भी देश को तैयार करता है. इतिहास गवाह है कि बड़े संकट के बाद वैश्विक स्थिति में बदलाव आता है.
देश का सौभाग्य है कि इस समय देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.- जब संकट आये, तो तत्काल कदम उठाना जरूरी होता है. कोरोना संकट को समय पर पहचान प्रधानमंत्री ने देश को बड़े नुकसान से बचाया- सामान्य हालात में नेतृत्व करना चुनौतीपूर्ण नहीं, वैश्विक स्तर पर कोरोना संकट ने नेतृत्व की परीक्षा ली, भारत और प्रधानमंत्री ने पेश किया है उदाहरण