नयी दिल्ली : देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने शुक्रवार ने कहा कि उसकी ओर से एकत्र किए गए आंकड़े के मुताबिक, तबलीगी जमात प्रकरण के समय देश में कुल 1640 विदेशी जमाती मौजूद थे जिनमें से 64 ही कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए तथा दो की मौत हुई. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के अनुसार, मार्च महीने के आखिर में तबलीगी जमात प्रकरण के बाद , मुस्लिम संगठन ने अपने पदाधिकारियों और विभिन्न देशों के दूतावासों-उच्चायोगों की मदद से तबलीगी जमात से जुड़े लोगों का ब्यौरा एकत्र किया.
गौरतलब है कि देश में लॉकडाउन घोषित होने के समय दिल्ली के निजामुद्दीन स्थिति तबलीगी जमात के मरकज में सैकड़ों लोग मौजूद थे और बाद में उनमें से कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. मदनी ने अपने संगठन की ओर से एकत्र आंकड़े जारी करते हुए कहा, ‘‘ऐसा प्रचार किया गया कि देश में मौजूद विदेशी जमातियों ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाया और ये सभी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे. जबकि ऐसा नहीं है.
कुल 1640 विदेशी जमाती थे और इनमें सिर्फ 64 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए और दो लोगों की मौत हुई. उन्होंने कहा कि जिन दो विदेशी जमातियों की मौत हुई उनमें से एक की मौत तमिलनाडु में और दूसरे की दिल्ली में हुई. जमीयत के मुताबिक, इन विदेशी जमातियों में बांग्लादेश, इंडोनेशिया, नेपाल, अमेरिका, ब्रिटेन, थाईलैंड, वियतनाम, आस्ट्रेलिया, किर्गिस्तान समेत 47 देशों के नागरिक थे तथा इनमें से कई फिलहाल जेल में बंद हैं