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Chanakya Niti: बुरे और बदनाम गांव में रहना इंसान के लिए सबसे खतरनाक होता है, जानिए क्यों…

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्‍य को सर्वाध‍िक सम्‍मानित बुद्धिजीवी और देश के पहले अर्थशास्‍त्री के रूप में माना जाता है. चाणक्‍य की नीतियों को अपनाकर ही चंद्रगुप्‍त मौर्य भारत के सम्राट बन गये थे. चाणक्य ने अपनी नीतियों के माध्‍यम से बताया है कि व्‍यक्ति के जीवन में सुख-चैन क्यों नहीं मिल पाता है.

आचार्य चाणक्‍य को सर्वाध‍िक सम्‍मानित बुद्धिजीवी और देश के पहले अर्थशास्‍त्री के रूप में माना जाता है. चाणक्‍य की नीतियों को अपनाकर ही चंद्रगुप्‍त मौर्य भारत के सम्राट बन गये थे. चाणक्य ने अपनी नीतियों के माध्‍यम से बताया है कि व्‍यक्ति के जीवन में सुख-चैन क्यों नहीं मिल पाता है. लोगों के जीवन में कुछ ऐसी आदतें होती है जो अंदर ही अंदर बिना आग के जलता रहता है. आइए जानते हैं चाणक्य ने किन आदतों का जिक्र किया है…

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि बुरे और बदनाम गांव में रहना, इंसान के लिए सबसे खतरनाक होता है. व्यक्ति कितना भी परोपकारी हो या फिर धर्मात्मा, बदनाम गांव में रहेगा तो उसके लिए और फिर उसके परिवार के लिए खतरनाक है. ऐसे गांव में रहने पर पल-पल भय, कष्ट और अपमान भरे खून के घूंट पीकर बीतेगा. चाणक्य ने आगे बताया है कि उस गांव के बुरे लोग उस व्यक्ति से बैर रखते हुए उसे सदैव सताते की कोशिश करेंगे. ऐसे गांव में रहने से हमेशा हानि होती है, और परेशानी बढ़ती रहती है, साथ ही परिवार में रहने वाले सदस्यों पर उस गांव का असर पड़ता है.

हमेशा बुरा करने वाले व्यक्ति नरक के अधिकारी होते हैं

चाणक्य ने कहा है कि नीच कर्म करने वाले लोगों की सेवा करना अधर्म माना जाता है. हमेशा बुरा करने वाले लोग नरक के अधिकारी होते हैं. बुरा काम करने वाले व्यक्ति अत्यंत क्रोधी स्वभाव के होते हैं, उनकी वाणी हमेशा कड़वी होती है. ऐसे लोगों के साथ रहने पर केवल दुष्टता ही सीखी जा सकती है. इसलिए कभी भी बुरे कार्य करने वालों की सेवा नहीं करनी चाहिए, और न ही ऐसे लोगों के साथ रहना चाहिए. बुरा काम करने वाले लोगों के साथ रहने पर आप और आपके परिवार वाले खतरे में पड़ जाएंगे.

आचरण ही होती है हर व्यक्ति की पहचान

ऐसा खाना कभी नहीं खाना चाहिए, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो. स्वास्थ्य ही इंसान के लिए सबसे बड़ी पूंजी होती है. अगर उसका स्वास्थ्य ही खराब रहेगा तो वह हमेशा किसी ना किसी समस्या में घिरा रहता है. खानपान की बदलती प्रवृत्तियों को स्वास्थ्य के लिये खतरनाक होता है. चाणक्य ने बताया है कि अगर किसी पुरुष की पत्नी कड़वा बोलने वाली है, और वे दूसरों को दुख देने वाली बातें करती हैं, तो ये दुर्भाग्य बढ़ाने वाली आदत है. ऐसा पुरुष बिना आग के ही अंदर ही अंदर जल जाते हैं. जिस घर में हमेशा झगड़ा और विवाद होता रहता है, वहां कभी देवी-देवताओं का वास नहीं हो सकता है. हमेशा इंसान को समझदारी से काम लेना चाहिए, क्योंकि आचरण ही व्यक्ति की पहचान होती है. अगर आपके पास कितना भी धन है, और आपके घर में हमेशा झगड़ा होता रहता है तो वह धन किसी काम का नहीं है.

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