बेंगलुरु में अंडरवर्ल्ड डॉन के नाम से पहचाने जाने वाले माफिया डॉन मुथप्पा राय (Mafia Don Muthappa Rai) की मौत हो गयी. उन्होंने शुक्रवार तडके अंतिम सांस ली. वे कैंसर से जूझ रहे थे. सूत्रों ने बताया कि 68 वर्षीय राय पिछले एक साल से मस्तिष्क कैंसर से पीड़ित था और उसे मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसकी देर रात 2:30 बजे मौत हो गयी. राय के दो बेटे हैं.
बताया जा रहा है कि मुथप्पा पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे. उनका इलाज बेंगलुरु के मणिपाल अस्पताल में चल रहा था. आपको बता दें कि मुथप्पा ने 30 साल तक डॉन के रूप में बेंगलुरु पर राज करने का काम किया. राय ने अपने कैरियर की शुरुआत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम विजया बैंक में एक अधिकारी के रूप में की थी उसके बाद उन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रखा. जानकारी के अनुसार 68 वर्षीय राय पिछले एक साल से मस्तिष्क कैंसर से पीड़ित था. उन्हें मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका इलाज चल रहा था.
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दक्षिण कन्नड़ के पुत्तूर शहर में तुलु भाषी बन्त परिवार में जन्मे राय ने बहुत कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में प्रवेश कर लिया था. कर्नाटक पुलिस ने राय के खिलाफ हत्या और साजिश समेत आठ मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. 2002 में राय को संयुक्त अरब अमीरात से भारत लाया गया था. उसे यहां लाए जाने पर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबाआई), अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ), खुफिया ब्यूरो (आईबी) और कर्नाटक पुलिस समेत कई जांच एजेंसियों ने उससे पूछताछ की थी. बाद में सबूतों की कमी के कारण उसे बरी कर दिया गया था.
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अपने जीवन को सुधारने के प्रयास में राय ने एक परमार्थ संगठन ‘जय कर्नाटक’ की स्थापना की थी. राय ने 2011 में तुलु फिल्म ‘कांचिल्डा बाले’ और 2012 में कन्नड़ फिल्म ‘कटारी वीरा सुरसुंदरंगी’ में अभिनय किया था. बॉलीवुड निर्देशक राम गोपाल वर्मा राय के जीवन पर आधारित एक फिल्म बनाना चाहते थे, लेकिन किसी वजह से फिल्म अटक गयी. उसके परिवार के सूत्रों ने बताया कि राय का अंतिम संस्कार संभवत: शुक्रवार को बिदादी में किया जाएगा.