नयी दिल्ली : भारत और चीन सीमा पर तनाव आने के बाद अब विदेश मंत्रालय का बयान आया है जिसमें कहा है कि भारत-चीन शांति को महत्व देते है.लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसी स्थितियां पैदा हो जाती है,जिनसे निपटा जा सकता है.वहीं थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन के साथ सीमा पर भारतीय सैनिक अपनी ‘स्थिति’ पर कायम हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास का काम चल रहा है. उनका यह बयान दोनों देशों के जवानों के बीच हिंसक झड़पों की दो अलग अलग घटनाओं के कुछ दिन बाद आया है.
एलएसी को लेकर विदेश मत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया ‘भारत और चीन शांति को बनाए रखने के लिए अधिक महत्व देते है.वुहान सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि दोनों सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के प्रयास करेंगे. दोनों पक्ष सीबीएम को बढ़ाने के लिए भी प्रयास करेंगे.
PM Modi & Chinese President Xi Jinping in their informal summits in Wuhan (2018) & in Chennai (2019) had reaffirmed that both sides will continue to make efforts to ensure peace and tranquility in the border areas: MEA in response to queries on developments on the LAC. (2/2) https://t.co/dy1VNDQloN
— ANI (@ANI) May 14, 2020
उन्होंने बताया भारत-चीन सीमा पर हमेशा शांति रही है.हालांकि कभी-कभी ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं, जिनसे बचा जा सकता था. दोनों पक्षों के बीच अगर कुछ स्थितियां पैदा हो जाती है तो उन स्थितियों से निपटने के लिए मैकेनिज्म विकसित किया गया है.
वहीं थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में हुई घटनाओं में चीनी और भारतीय सैनिकों का व्यवहार आक्रामक था और इस वजह से दोनों पक्षों के जवानों को मामूली चोटें आईं. थल सेना प्रमुख ने कहा कि स्थानीय स्तर पर बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच मामला सुलझा लिया गया. उन्होंने कहा कि यह दोहराया गया है कि इन दोनों घटनाओं का न तो आपस में कोई संबंध था और न ही उनका किसी अन्य वैश्विक या स्थानीय गतिविधियों से कोई संबंध था.
वह गतिरोध के संबंध में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे. जनरल नरवणे ने कहा, “ऐसी सभी घटनाओं के हल के लिए पहले से ही स्थापित तंत्र हैं जिनमें जहां दोनों ओर से स्थानीय अधिकारी परस्पर स्थापित प्रोटोकॉल और वुहान तथा मामल्लापुरम बैठकों के बाद प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए रणनीतिक दिशानिर्देशों के अनुसार मुद्दों का समाधान किया जाता है.
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक हमेशा सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखते हैं. उन्होंने कहा, “मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमारी उत्तरी सीमाओं पर बुनियादी क्षमताओं का विकास पटरी पर है. कोविड-19 महामारी के कारण हमारे बलों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा. समझा जाता है कि हिंसक झड़प के नौ दिन बाद भी पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे पर नजर रख रहे हैं.