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झारखंड में 20 मई तक होगी बारिश, मॉनसून के आने में 3 से 7 दिन तक की होगी देरी

rain in jharkhand, monsoon : रांची : बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन के असर से झारखंड में 20 मई तक बारिश होने की संभावना है. इस साल मॉनसून 3 से 7 दिन की देरी से झारखंड और बिहार में पहुंचेगा. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रांची केंद्र के निदेशक एसडी कोटाल ने यह जानकारी दी है.

रांची : बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन के असर से झारखंड में 20 मई तक बारिश होने की संभावना है. इस साल मॉनसून 3 से 7 दिन की देरी से झारखंड और बिहार में पहुंचेगा. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रांची केंद्र के निदेशक एसडी कोटाल ने यह जानकारी दी है.

श्री कोटाल ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से में निम्न-दबाव का क्षेत्र बना है, तो दक्षिणी अंडमान सागर के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर दिख रहा है. इन दोनों परिस्थितियों के मेल से बंगाल की खाड़ी में 15 मई को चक्रवाती तूफान उठेगा, जिसका असर 16 मई को झारखंड में दिखेगा.

उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से झारखंड के अलग-अलग भागों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो रही है. बुधवार को उत्तर-पूर्वी झारखंड के साथ-साथ मध्य झारखंड में कहीं-कहीं आंधी-तूफान और मेघ गर्जन के साथ बारिश हुई. यह पश्चिमी मध्यप्रदेश में बने निम्न दबाव का असर था. बुधवार को मौसम विभाग ने एक के बाद एक 5 तात्कालिक चेतावनी जारी करके लोगों को मेघ-गर्जन और बारिश की चेतावनी दी थी.

मौसम विभाग के आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि राज्य के कई इलाकों में बारिश हुई. 24 घंटे के दौरान बोकारो में सबसे ज्यादा 34.8 मिमी वर्षा दर्ज की गयी. विभाग ने अपने मौसम पूर्वानुमान में कहा है कि झारखंड में 20 मई तक हल्की-फुल्की बारिश होती रहेगी.

उधर, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि झारखंड और बिहार समेत आधा दर्जन से अधिक राज्यों में मॉनसून के आने की तारीख तीन से सात दिन तक आगे खिसक गयी है. विभाग के मुताबिक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओड़िशा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में भी मॉनसून देर से पहुंचेगा.

दिल्ली में मॉनसून 23 जून की बजाय 27 जून और मुंबई एवं कोलकाता में 10 जून की बजाय 11 जून तक दस्तक देगा. चेन्नई में यह एक जून की बजाय चार जून को पहुंचेगा. हालांकि, पश्चिमोत्तर भारत में मॉनसून 15 जुलाई की बजाय आठ जुलाई को पहुंचेगा. दक्षिण भारत से मॉनसून की वापसी की नयी तारीख 15 अक्तूबर है.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने कहा है कि मॉनसून के बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती परिसंचरण के कारण सामान्य तिथि से करीब छह दिन पहले 16 मई के आस-पास अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पहुंचने की संभावना है.

मॉनसून आमतौर पर 20 मई के आस-पास अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पहुंचता है. पिछले महीने इसके वहां पहुंचने की संभावना संबंधी तिथि संशोधित करके 22 मई बतायी गयी थी. इसके बाद मॉनसून को केरल पहुंचने में 10 से 11 दिन लगते हैं और फिर भारत में बारिश की शुरुआत होती है.

आइएमडी ने कहा कि चक्रवात बनने की दिशा में पहले कदम के तहत निम्न दबाव वाला क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और निकटवर्ती दक्षिण अंडमान सागर में बुधवार की सुबह बन गया.

दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सों में 15 मई को दबाव के और गहरा होने की संभावना है और यह बाद में 16 मई को बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान बनकर आयेगा. आइएमडी ने कहा, ‘प्रणाली (चक्रवात) के साथ स्थितियां दक्षिण-पश्चिम मॉनसून को बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के आस-पास 16 मई तक ले जाने के अनुकूल बनेंगी.’

मॉनसून के इस साल सामान्य रहने की संभावना है. केरल में एक जून को मॉनसून के पहुंचने की संभावना है. इसके बाद देश में चार महीने चलने वाले बारिश के मौसम की शुरुआत होगी. आइएमडी के 1960 से 2019 के आंकड़ों के आधार पर देश के कई हिस्सों में मॉनसून आने और वहां से इसके जाने की तारीखों में संशोधन किया गया है. पहले की तारीखें 1901 से 1940 के आंकड़ों पर आधारित थीं.

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