भारतीय किसानों के लिए अच्छी खबर है, दरअसल आईएमडी ने उम्मीद जतायी है कि मई के मध्य में बारिश पहंचने की संभावना है. यह इसलिए क्योंकि आज ही बंगाल में की खाड़ी और दक्षिण अंडमान सागर से सटे दक्षिण-पूर्व में कम दबाव का क्षेत्र बनने लगा है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय किसान की ज्यादातर पैदावार बारिश के उपर ही निर्भर करती है. लेकिन साथ में यह भी बता दें कि इस साल भारत में समान्य बारिश होने की संभावना है. पीटीआई की रिपोर्ट को अगर हम मान के चले तो आईएमडी ने कहा है कि चक्रवात के साथ स्थिति दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल हो जाएगी.
हालांकि मानसून के पहुंचने में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में देरी हो सकती है. आईएमडी ने इस साल देश कुछ जगहों में मानसून की शुरुआती तारीखों और मानसून की वापसी की तारीखों में बदलाव किया है. पहले मानसून की तारीखों का ऐलान 1901 से 1940 तक के आंकड़ों को देख कर किया जाता था. जिसमें अब बदलाव करके 1960-2019 के आंकड़ों के आधार पर किया गया है. ये जानकारी पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने दी. केरल में मानसून की शुरूआत जून में होगी.
वहीं अगर हम राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर मानसून के शुरूआत की तारीखों में बदलाव है. अब यहां पर मानसून पहुंचने की उम्मीद 23 से 27 जून के बीच की जा रही है. उसी तरह मुंबई और कोलकाता में भी मानसून के आने की उम्मीद 10 जून से 11 जून तक और चेन्नई में 1 से 4 जून तक की जा रही है. पश्चिमोत्तर भारत में मानसून के 8 जुलाई की शुरुआत में आने की संभावना है. दक्षिण भारत से मानसून वापसी की नई तारीख 15 अक्टूबर है.