पटना : राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जोखिम को कम करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ की गयी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वेंटिलेटर की मांग की है. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अभी तक एक भी वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं कराया गया है. इधर राज्य सरकार अपने स्तर से 150 वेंटिलेटर खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है. राज्य में जिन तीन अस्पतालों को कोविड-19 मरीजों के लिए समर्पित किया गया है, उनके पास कुल मिलाकर 50 वेंटिलेटर मशीनें ही उपलब्ध हैं. भविष्य की जरूरतों को देखते हुए अधिक संख्या में लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम वेंटिलेटर की आवश्यकता है. बढ़ रही है मरीजों की संख्यापटना एम्स में भी कोविड-19 के मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए एनएमसीएच में 800 बेड तैयार किये गये हैं. यहां पर आइसीयू के 20 बेड और 20 वेंटिलेटर हैं. यहां पर 12 बेडों का आइसोलेशन वार्ड है. गया के एएनएमसीएच में भी 544 बेड और 60 आइसीयू की व्यवस्था की गयी है. एनएमसीएच में 60 आइसीयू बेड व 18 वेंटिलेटर है. साथ ही जेएलएनएमसीएच, भागलपुर में हजार बेड और 36 बेडों का आइसीयू व 12 वेंटिलेटर मशीनें हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार के संस्थान एम्स में भी अपना आइसीयू व वेंटिलेटर मशीनें हैं. अब राज्य में मरीजों की संख्या बढ़ रही है और जोखिम भी बढ़ने की आशंका है. अगर तैयारियों में थोड़ी भी सुस्ती होगी, तो स्थिति बिगड़ सकती है.
801 संक्रमितों में सिर्फ दो रखे गये वेंटिलेटर पर राज्य में अभी तक कुल 801 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है. इसमें 383 लोग स्वस्थ होकर घर लौट भी चुके हैं. आधिकारिक सूत्रों की माने तो पटना एम्स में दूसरी बीमारी से पीड़ित होकर भर्ती होनेवाले मुंगेर और वैशाली के मरीजों की मौत हुई है. इन दोनों मरीजों को ही वेंटिलेटर पर डालने की जरूरत पड़ी थी. इधर एनएमसीएच में भर्ती हुए किसी भी मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत नहीं पड़ी. फिलहाल बुधवार को एनएमसीएच में कोविड पॉजिटिव दो मरीजों को कैंसर के कारण आइसीयू में भर्ती कराया गया है. इधर पीएमसीएच में सिर्फ पांच कोविड-19 संक्रमितों का इलाज किया गया है, जिसमें किसी को भी वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत नहीं पड़ी है.