कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियों को तेज करने और लॉकडाउन 4.0 के एलान के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश की जनता को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने हिंदुस्तान के इतिहास में सबसे बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की. इस घोषणा के बाद उद्योग जगत की प्रतिक्रिया आयी.
उद्योग जगत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा समय की जरूरत थी. दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि पीएम का कार्पे डियम (सीज द डे) भाषण यह था, जीने के प्रयास के नजरिये को अवसर में बदलते हुए उसे ताकत का रूप दे दिया जाए… हमें कल (बुधवार) पता चलेगा कि यह परिवर्तन 1991 की तर्ज पर होगा या नहीं.. मुझे ऐसा लगता है कि आज रात अच्छे से नींद नहीं आएगी…’
This was the PM’s Carpe Diem (Seize the Day) speech; an opportunity to change the narrative from ‘Survival’ to ‘Strength.’ We will know tomorrow whether or not this is going to be a transformational moment like 1991. What I also believe is I won’t get much sleep tonight!
— anand mahindra (@anandmahindra) May 12, 2020
उद्योग मंडलों का कहना है कि इससे कोविड-19 महामारी और उसकी रोक थाम के लिए लागू पाबंदियों से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार में मदद मिलेगीऔर आर्थिक वृद्धि को नई गति मिलेगी. प्रधानमंत्री ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का 10 प्रतिशत है.
वित्तीय पैकेज के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के हाल के निर्णय, रिजर्व बैंक की घोषणाओं को मिलाकर यह पैकेज करीब 20 लाख करोड़ रुपये का होगा जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 प्रतिशत है.” वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्दी ही इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगी. उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने जमीन, श्रम, नकदी और कानून को सरल बनाने के बारे में बात की, हम उसकी सराहना करते हैं. ये अर्थव्यवस्था के लिये प्रमुख चुनौती है. इन चार क्षेत्रों में सुधारों से संकट की इस घड़ी में आर्थिक वृद्धि को नई गति मिलेगी.”
फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि पांच आधार…अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा, व्यवस्था, जनसंख्या और मांग को मजबूत करने से भारत फिर से सतत वृद्धि के रास्ते पर आएगा.” उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब पैकेज की रूपरेखा की घोषणा करेंगी, गरीबों और जरूरतमंदों, एमएसएमई और उद्योग तथा आम लोगों की जरूरतों का समाधान होगा. भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये जमीन, श्रम और नकदी पर जोर की जरूरत है.”
एसोचैम और नारेडको के अध्यक्ष डा निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि यह पैकेज अर्थव्यवस्था को गति देगा. उन्होने कहा कि ‘यह सचमुच एक सराहनीय पैकेज है… इसकी प्रतीक्षा थी इससे अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.” एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, ‘‘भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये पांच बुनियाद को मजबूत बनाने से हम एक भेरसेमंद वैश्विक ताकत बनेंगे…..” उन्होंने कहा कि आर्थिक पैकेज के साथ कृषि, कराधान, बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन और वित्तीय प्रणाली में सुधारों से निवेशक आकर्षित होंगे और मांग को बढ़ाने में मदद मिलेगी। मेक इन इंडिया निवेश आकर्षित करने के लिहाज से मुख्य उत्प्ररेक होगा…”
पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डी के अग्रवाल ने कहा कि इस मौके पर प्रोत्साहन पैकेज समय की जरूरत है. इससे अर्थव्यवस्था के बुनियाद को मजबूती मिलेगी और आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमाबइल मैनुफैक्चरर्स ने उम्मीद जतायी कि जब वित्त मंत्री पैकेज की बारीकियों की घोषणा करेंगी, देश के वाहन उद्योग की मदद के लिये एक केंद्रित पैकेज का ऐलान करेंगी.