नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूती देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के जिस प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा मंगलवार को की, वह दुनिया में विभिन्न देशों द्वारा अब तक घोषित बड़े आर्थिक पैकेजों में से एक है.
अमेरिका ने जीडीपी के 13 प्रतिशत के बराबर का बड़ा पैकेज घोषित किया, वहीं जापान सरकार ने जीडीपी के 21.1 प्रतिशत से अधिक बड़े पैकेज की घोषणा की है. क्या-क्या हो सकता है पैकेज मेंपैकेज में उद्योगों को निवेश के लिए भूमि उपलब्ध कराने, श्रम सुधारों के क्षेत्र में कदम बढ़ाने जैसे उपाय भी हो सकते हैं. चीन छोड़कर अन्यत्र जगह तलाशने वाली जाने वाली कंपनियों को लुभाने के लिए यह घोषणा की जा सकती हैं. दवा और चकित्सा उपकरणों के विनिर्माण में आने वाली कंपनियों को कर छूट दी जा सकती है.
भारत के 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में इससे पहले सरकार द्वारा घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपये का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज भी शामिल होगा. सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा अब तक घोषित ये सभी उपाय 6.5 लाख करोड़ रुपये के आसपास बैठते हैं जो कि जीडीपी का 3.2 प्रतिशत के करीब हैं. रिजर्व बैंक के निर्णयों को मिलकर यह पूरा पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का होगा जो कि भारत की जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर है.
12-13 लाख करोड़ के करीब होगा नया पैकेज पिछले पैकेजे के आंकड़ों को देखते हुये ऐसा लगता है कि सरकार 12- 13 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि अर्थव्यवस्था में डालेगी. प्रधानमंत्री ने पैकेज के बारे में कुछ संकेत भी दिये. उन्होंने कहा कि पैकेज में छोटे उद्योगों को कर राहत, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने पर जोर होगा. पैकेज में दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, इलेक्ट्रानिक, दूरसंचार कलपुर्जो और पूंजीगत सामानों के क्षेत्र में एक न्यूतम सीमा से अधिक का नया निवेश करने वाली कंपनियों को पूरी तरह से कर छूट दी जा सकती है.