सुबोध कुमार नंदन : इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (बिहार-झारखंड) के कार्यकारी निदेशक विभाष कुमार ने प्रभात खबर से खास मुलाकात की. जिसमें उन्होने बताया कि रोजगार सृजन की दृष्टि से बिहार राज्य में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयू योजना) ने 22 हजार से अधिक रोजगार सृजित किये हैं. उनमें से अधिकांश बिक्री नेटवर्क के विस्तार से संबंधित हैं. अप्रैल, 2014 को बिहार राज्य में एलपीजी वितरकों की संख्या 747 थी, जो अप्रैल 2020 में बढ़ कर 1938 हो गयी.
यह 159 फीसदी की उछाल है. एलपीजी कनेक्शनों की संख्या 145 फीसदी बढ़ीसतत रोजगार का स्वरूप तब विकसित हो पाया, जब प्रधानमंत्री द्वारा उज्ज्वला योजना का यह विचार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मंत्री द्वारा इसे उतनी ही लगन के साथ लागू किया गया और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की टीमों द्वारा इस पर काम किया गया. एलपीजी कनेक्शनों की संख्या 2014 में 55 लाख से 145 फीसदी बढ़कर 2020 में 176 लाख हो गयी. 2020 में यह भी आवश्यक है कि राज्य में एलपीजी अवसंरचना की वृद्धि हो. इसके लिए पीएसयू तेल विपणन इंडियन आयल कॉरपोरेशन ने 170 करोड़ से अधिक का निवेश किया है.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड बांका में एक ग्रासरूट एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का निर्माण कराया. मोतिहारी में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट में ग्राउंड फील्ड प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहा है. महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर हुआउन्होंने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं और उनके परिवार को स्वास्थ्य लाभ हुआ है. इंडियन चेस्ट सोसाइटी और इंडियन चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उज्ज्वला योजना की वजह से ग्रामीण महिलाओं में फेफड़ों में जकड़न (चेस्ट कंजेशन) के मामले 20 फीसदी तक कम हो गये हैं. सूबे में 84.27 लाख से अधिक उज्ज्वला कनेक्शन जारी किये गये. लगभग 16 फीसदी कनेक्शन अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के परिवारों को जारी किये गये.