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छह हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक पहुंच चुके है बांका, अब भी आने का सिलसिला जारी

जिले में लगातार दुसरे राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों का आने का सिलसिला जारी है. अब तक छह हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेन व जिला प्रशासन की बस से यहां पहुंच चुके है. सर्वाधिक 9 सौ श्रमिक फुल्लीडुमर प्रखंड का है. दुसरे स्थान पर धोरैया व बाराहाट प्रखंड के श्रमिक बांका पहुंचे है.

बांका : जिले में लगातार दुसरे राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों का आने का सिलसिला जारी है. अब तक छह हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेन व जिला प्रशासन की बस से यहां पहुंच चुके है. सर्वाधिक 9 सौ श्रमिक फुल्लीडुमर प्रखंड का है. दुसरे स्थान पर धोरैया व बाराहाट प्रखंड के श्रमिक बांका पहुंचे है. जिला प्रशासन के द्वारा एक-एक श्रमिक का थर्मल स्क्रीनिंग किया जा रहा है. थर्मल स्क्रीनिंग में संदेश होने पर उनकी कोरोना जांच सैंपल लेने की प्रक्रिया भी जारी है. डीएम सुहर्ष भगत ने बताया है कि अब तक इन प्रवासी श्रमिकों में 189 का कोरोना सैंपल जांच के लिए भागलपुर भेजा गया है. जिसमें रविवार की देर रात आयी जांच रिपोर्ट में दो केस पॉजिटिव पाये गये है.

123 की रिपोर्ट निगेटिव आयी है. जबकि 64 रिपोर्ट पेंडिंग है. इसके अलावा इन श्रमिकों को संबंधित प्रखंडों में रखने के लिए व्यापक स्तर पर क्वारेंटिन कैंप बनाया गया है. जिसके अंतर्गत फुल्लीडुमर में 9 क्वारेंटिन कैंप, अमरपुर, शंभुगंज, बौंसी, चांदन, रजौन व बेलहर में 4-4, बांका में 3, धोरैया में 5, बाराहाट में 3, कटोरिया में 7 क्वारेंटिन कैंप बनाये गये है. फिलवक्त इन क्वारेंटिन सेंटरों में प्रवासी मजदूरों की रखने की क्षमता 6 हजार है. जिसे एक-दो दिन में बढ़ाकर 12 हजार कर दिया जायेगा.ब्लॉक स्तर पर अलग से बना है लक्षण वाले मरीजों का आइसोलेशन कैंपजिले के विभिन्न प्रखंडों के क्वारेंटिन कैंप में रह रहे श्रमिकों में अगर किसी में कोरोना संक्रमण का लक्षण पाया गया तो वैसे स्थिति में ऐसे लोगों को ब्लॉक स्थित मेडिकल टीम की निगरानी में बनी आइसोलेशन कैंप में रखा जायेगा. जिले के विभिन्न प्रखंडों में ऐसे कैंपों में करीब 3 सौ लोगों के रहने की व्यवस्था की गयी है.

लक्षण पाये जाने वाले लोगों की मेडिकल टीम के द्वारा कोरोना जांच भी की जानी है. उसके बाद अगर वह पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे मुख्यालय के कोरोना संक्रमित स्पेशल होटल मधुवन में रखा जायेगा. प्रवासी श्रमिकों का रोजाना हो रहा थर्मल स्क्रीनिंगपीबीएस कॉलेज परिसर में बस से आये हुये सभी प्रवासी मजदूरों का रोजना थर्मल स्क्रीनिंग किया जा रहा है. साथ ही बस से उतरने वाले प्रवासी मजदूरों का यहां रजिस्ट्रेशन भी कर लिया जाता है. उसके बाद जांच में कोई संदिग्ध पाया जाता है तो उसे मुख्यालय स्थित आइसोलेशन सेंटर में रखा जाता है. जिस प्रवासी में कोई भी लक्षण नही मिलता है तो उन्हें संबंधित प्रखंड के क्वारेंटिन कैंप में 21 दिनों के लिए क्वारेंटिन कर दिया जाता है. जहां उनकी नियमित जांच भी की जा रही है. प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा भारी संख्या में बस की व्यवस्था की गयी है.

उपलब्ध सभी बसों का सेनिटाइज कराया जा रहा है.सफाईकर्मियों को मिलेगा दोगुना मजदूरीराज्य सरकार के द्वारा कोरोना संकट के दौरान सफाईकर्मियों के लिए एक बड़ी तोहफा दी है. सरकार ने सफाईकर्मियों की मानदेय दोगुनी कर दी है. बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण को लेकर अस्पताल सहित आइसोलेशन वार्ड व क्वारेंटिन सेंटर की नियमित साफ-सफाई बेहद जरुरी है. लेकिन कोरोंना संक्रमण के जोखिम भरे काम को देखते हुये सफाईकर्मियों की मानदेय दोगुनी कर दी है.हॉट-स्पॉट से आने वाले सभी प्रवासियों का होगा कोरोना जांचजिले में लगातार प्रवासी लोगों का पहुंचना जारी है. हॉट-स्पॉट दिल्ली, गुजरात, मुंबई, तेलंगना सहित अन्य जगहों से आने वाले सभी प्रवासी लोगों का शत प्रतिशन कोरोना सैंपल लेकर जांच करायी जा रही है. अब तक छह हजार प्रवासी जिले में आ चुके है, जिनमें से 189 प्रवासी का सैंपल जांच के लिए लिया जा चुका है.

प्रतिदिन करीब 50-60 संदिग्धों का सैंपल लिया जा रहा है. इसके अलावा रेंडमली भी जांच की जा रही है.जीविका दीदी घर-घर पहुंचायेगी मास्क व साबुनकोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सुबे के सभी परिवारों को सेनिटाइज के लिए साबुन व संक्रमण से बचने के लिए मास्क उपलब्ध कराया जाय. साबुन व मास्क के लिए राज्य में 1.60 करोड़ की राशि आवंटित की गयी है. जिले के सभी परिवारों को करीब एक सौ रुपया मूल्य तक का साबुन व मास्क जीविका दीदी के द्वारा डोर टू डोर वितरण किया जाना है. अब प्रवासी निजी वाहन से भी आ सकते है घरलॉकडाउन के दौरान बाहर में फंसे लोग अब अपने निजी वाहन से वापस घर लौट सकते है. लेकिन इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य है. साथ ही स्थानीय मेडिकल टीम के द्वारा थर्मल स्क्रीनिंग करने बाद उनकी जांच रिपोर्ट के साथ जिला में प्रवेश करना होगा.

जिसके बाद उन्हें 14 दिनों तक क्वारेंटिन सेंटर में रखा जायेगा. डीएम ने बताया कि आगामी 17 मई तक सरकार के जारी गाइड लाईन के अनुसार लॉकडाउन का पूर्णत: पालन किया जाना है. सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ-साथ मास्क लगाना जरुरी है. वहीं प्रवासी लोगों को वापस लौटने की प्रक्रिया अब और तेज हो गयी है. पहले एक ट्रेन से 1250 प्रवासी घर आते थे, लेकिन अब 16 सौ प्रवासी ट्रेन से वापस आयेंगे. कार्डधारियों को मुफ्त चावल के साथ अबकी बार मिलेगा एक किलो दालअनुमंडल, प्रखंड व पंचायतस्तर पर गठित निगरानी समिति की देख-रेख में कार्डधारियों को खाद्यान्न वितरण होना है. इसके लिए एसडीओ को निगरानी समिति की बैठक कराने का निर्देश दिया गया है. इस बार कार्डधारियों को मुफ्त चावल के साथ-साथ एक किलो दाल भी दिया जायेगा.

जिले में 3.50 लाख किलो दाल प्राप्त हुआ है. सभी पीडीएस दुकानदारों को दाल मुहैया कराने का प्रक्रिया जारी है. दाल उच्च क्वालिटी की है. शत प्रतिशत कार्डधारियों को खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है. राशन कार्ड बनने की प्रक्रिया जारीअनुमंडल कार्यालय परिसर स्थित आरटीपीएस कांउटर में राशन कार्ड बनने की प्रक्रिया जारी है. लंबित 13 हजार कार्ड में ढाई हजार कार्ड स्वीकृत हो चुके है. प्रतिदिन 12-13 सौ कार्ड एक सौ डाटा ऑपरेटर के द्वारा मैपिंग के लिए भेजा जा रहा है. हाल के दिनों में जीविका दीदी के द्वारा 25 हजार जरुरतमंद परिवारों को चिह्नित कर इसकी सूची सौंपी गयी है. इस पर कार्य जारी है. जिले में कुल 46 हजार ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें एक-एक हजार का सरकारी सहायता दिया जाना है.

अब तक 28 हजार परिवारों के बैंक खाता में डीबीटी के माध्यम से राशि भेजी जा चुकी है. करीब 18 हजार परिवार अभी भी इस राश से वंचित है. वंचित कार्डधारी व उनके परिवार के कोई भी सदस्य जिनका बैंक खाता आधार से लिंक है वो अपना आवेदन बीडीओ व एमओ को देकर इसका लाभ ले सकते है. 15-16 सौ टन रोजाना हो रहा है बालू का उठाव दिहाड़ी करने वाले मजदूरों के लिए मनरेगा सहित अन्य डिपार्टमेंट के द्वारा कार्य चालू कर दिया गया है. इसे देखते हुये विगत चार-पांच दिनों से बालू उत्खन्न शुरु कर दिया गया है. जिले में बालू का पर्याप्त भंडार है. कोसी के आठ से दस जिले बालू के मामले में बांका पर निर्भर है. जिले का बालू विभिन्न जिला होते हुये खगड़िया तक पहुंचती है. प्रतिदिन करीब 15-16 सौ टन बालू उत्खनन हो रहा है.

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