लंदन : पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भारत के साथ प्रत्यर्पण का मुकदमा लड़ रहे भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन की एक अदालत के सामने सोमवार को सुनवाई के लिए पेश किया गया. पांच दिन तक चलने वाली यह सुनवाई कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुरू की गयी. नीरव मोदी पिछले साल मार्च में गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है और लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी हुई. इस दौरान मोदी ने सफेद शर्ट और काला ब्लेजर पहना हुआ था. सुनवाई में कुछ देरी हुई, क्योंकि अधिकारी अदालत और जेल के बीच संपर्क स्थापित करने में कुछ तकनीकी कठिनाइयों का सामना कर रहे थे.
जेल और अदालत में लागू किये गये सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के मद्देनजर जिला जज जस्टिस सैमुअल गूजी ने नीरव मोदी को वीडियो कॉल के माध्यम से अदालत के समक्ष उपस्थित होने की इजाजत दी. जस्टिस गूजी ने मोदी से कहा कि यदि उन्हें सुनवाई के दौरान किसी भी समय आवाज या देखने में कोई दिक्कत आती है, तो उन्हें तत्काल बताएं. जस्टिस गूजी ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि कुछ जेलें व्यक्तिगत रूप से कैदियों को पेश कर रही हैं, इसलिए मैं 11 मई से ट्रायल के लिए व्यक्तिगत रूप से मोदी को पेश करने के लिए वैंड्सवर्थ जेल को निर्देश दूंगा. यदि ऐसा संभव न हो, तो लाइव लिंक के जरिये उनकी भागीदारी का विकल्प रहेगा.
सुनवाई के दौरान अदालत में प्रत्यक्ष रूप से सीमित संख्या में कानूनी प्रतिनिधि उपस्थित थे, जबकि गवाहों ने वीडियो कॉल के जरिये सबूत पेश किये. भारतीय अधिकारियों की ओर से पैरवी कर रही ब्रिटेन की अभियोजन एजेंसी क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) ने दलीलें पेश कीं. सीपीएस की बैरिस्टर हेलेन मैल्कम ने वीडियो लिंक के माध्यम से अदालत को बताया कि मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से फर्जी तरीके से बहुत सारा धन हासिल किया. यह मुकदमा केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दायर किया है और पीएनबी में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी से संबंधित है.