रांची : विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के इस दौर में हर कोई परेशान है. लाॅकडाउन के कारण झारखंड के प्रवासी मजदूर भी परेशान हैं. हालांकि, हेमंत सरकार इन प्रवासी मजदूरों व अन्य लोगों को वापस झारखंड ला भी रहे हैं, लेकिन अभी भी कई प्रवासी मजदूर विभिन्न राज्यों में फंसे हैं. इसी कड़ी में लद्दाख में फंसे झारखंड के करीब 150 प्रवासी मजदूरों ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुहार लगायी. तत्काल मुख्यमंत्री ने लद्दाख के उपराज्यपाल (LG) आरके माथुर से इन प्रवासी मजदूरों के लिए राशन व भोजन उपलब्ध कराने में मदद की अपील की, ताकि उन्हें जल्द राशन व भोजन मिल सके.
लॉकडाउन के कारण झारखंड के 150 संताली एवं पहाड़िया जाति के प्रवासी लोग लद्दाख समेत कारगिल, बटालिक पीओ और गोरगोदोह गांव में फंसे पड़े हैं. कुछ दिनों तक इनलोगों का किसी तरह गुजर-बसर हो गया, लेकिन धीरे-धीरे खाने की समस्या आन पड़ी. लॉकडाउन के कारण काम भी नहीं था, इस कारण धीरे-धीरे आर्थिक संकट भी होने लगी. इससे परेशान होकर इन प्रवासी मजदूरों ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगायी.
लद्दाख में 150 संताली व पहाड़िया जाति के लोगों के फंसे होने की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर से इन प्रवासी मजदूरों के लिए सहयोग मांगा है. उन्होंने ट्वीट किया कि अगर इन मजदूरों को अपेक्षित भोजन / राशन का सहयोग मिल जाये, तो बेहतर होगा.
इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के विभिन्न राज्यों मे फंसे मजदूर व अन्य लोग घबरायें नहीं, बल्कि धैर्य रखें. राज्य सरकार हरसंभव सहयोग के लिए कृतसंकल्पित है. धीरे-धीरे सभी प्रवासी मजदूर व अन्य लोगों को वापस झारखंड लाया जायेगा. कहा कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आपलोग जहां हैं वहीं करें. राज्य सरकार आपके लिए चिंतित है और लगातार प्रयास कर रही है.