लॉकडाउन के बीच अपने गृह राज्य लौटे उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने के प्रयास में जुटी राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के जरिये रोजगार के 90 लाख अतिरिक्त अवसर मुहैया करायेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि राज्य में एमएसएमई का इतिहास बेहद संपन्न रहा है और हर जिले के खास उत्पाद इसके सबूत हैं. उन्होंने कहा कि अब इन्हीं एमएसएमई उद्योगों और ‘ एक जिला एक उत्पाद’ योजना के जरिए सरकार रोजगार के करीब 90 लाख अतिरिक्त अवसर मुहैया कराएगी.
उन्होंने कहा, ‘प्रदेश में फिलहाल एमएसएमई की 90 लाख इकाइयां हैं’. हर एमएसएमई में रोजगार का एक अतिरिक्त अवसर पैदा किया जाये. नयी लगने वाली इकाइयों के लिए पर्यावरण के साथ सभी तरह के अनापत्ति प्रमाणपत्रों के नियमों को सरल किया जाएगा.पारदर्शिता के लिए ये सारे प्रमाणपत्र सिंगल विंडो प्रणाली से तय समय में मिलेंगे.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र पहले की ही तरह अपने गौरव को प्राप्त करे, यह उनकी प्रतिबद्धता है. उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के मौजूदा संकट ने हमको यह अवसर दिया है. हम इसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर प्रदेश को एमएसएमई सेक्टर का हब बनाएंगे. इससे न्यूनतम पूंजी, न्यूनतम जोखिम में स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही नये उत्तर प्रदेश का निर्माण भी होगा.”
योगी ने कहा कि इस सेक्टर के तहत इकाई लगाने वाले उद्यमी 1000 दिन के आखिरी सौ दिन में आवेदन कर अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे. इकाई लगाने वाले हर उद्यमी को आसान शर्तों पर बैंक से कर्ज मिलेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए हर जिले में 12 से 20 मई तक विशाल ऋण मेले आयोजित होंगे.राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में बैंकों को इस बाबत निर्देश दिये जा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक उद्यमियों को प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की इकाइयां लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जाए और इसके लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए.