बोधगया : कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के बीच एमयू प्रशासन ने एकेडमिक कैलेंडर को पटरी पर रखने को लेकर पीजी फर्स्ट व थर्ड सेमेस्टर के विद्यार्थियों को क्रमशः सेकेंड व फोर्थ सेमेस्टर में प्रोमोट करने का निर्णय किया है. इसे लेकर शनिवार को एमयू के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा एक ऑनलाइन मीटिंग की गयी, जिसमें विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष एवं कॉलेजों के प्राचार्य, जहां स्नातकोत्तर की पढ़ाई होती है ने भाग लिया. वोकेशनल स्नातकोत्तर के निदेशक भी उपस्थित हुए.
मीटिंग में यह बताया गया कि राजभवन के आदेशानुसार जो छात्र स्नातकोत्तर के सेमेस्टर वन एवं सेमेस्टर तीन के पढ़ाई कर चुके हैं, उन्हें प्रोमोट कर सेमेस्टर दो एवं चार में कर दिया जाये, ताकि उनका शैक्षणिक वर्ष पीछे न हो. इस मीटिंग में सभी एफिलिएटिड कॉलेज जो मगध विश्वविद्यालय के अंतर्गत आते हैं, को भी ऑनलाइन टीचिंग कराने का आदेश दिया गया. ऑनलाइन टीचिंग से छात्रों को हो रहे लाभ की भी समीक्षा की गयी. प्राध्यापकों ने ऑनलाइन टीचिंग को संतोषजनक एवं लाभप्रद बताया. विश्वविद्यालय के पोर्टल पर ऑनलाइन टीचिंग के लिए इ कंटेंट डालने पर भी जोर दिया गया, ताकि कोविंड 19 संक्रमण के चलते बाधित पढ़ाई को नए रूप में दिया जा सके तथा छात्र घर बैठे अपने कोर्स को पूरा कर सके और अपनी पढ़ाई समय पर संपन्न कर सकें.
गया कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा के ऑनलाइन टीचिंग एक बेहतर विकल्प है जो लोक डाउन के बाद भी चलना चाहिए ताकि समय पर कोर्स को पूरा किया जा सके. एसएस कॉलेज जहानाबाद के प्रिंसिपल डॉक्टर एसके मिश्रा ने ऑनलाइन टीचिंग को एक वरदान बताया. एसएस सिन्हा कॉलेज औरंगाबाद के प्रिंसिपल डॉक्टर चतुर्वेदी ने कहा के दूसरे विश्वविद्यालय के छात्र भी हमारे पोर्टल से लाभान्वित हो रहे हैं. इस मीटिंग में पी आर ओ डॉक्टर सिद्धनाथ प्रसाद यादव ने कहा की हमारे प्रबुद्ध एवं सक्रिय कुलपति के नेतृत्व में हमारा विश्वविद्यालय बिहार में अपना स्थान उच्च कोटि में रखने में सक्षम रहा है. विश्वविद्यालय के सीसीडीसी डॉ विकास मोहन सहाय जो कि विदेशी भाषा के निदेशक भी हैं, अपनी बात रखते हुए कहा की कुशल नेतृत्व का यह परिणाम है कि हमारा विश्वविद्यालय अपने निर्धारित सत्र के शैक्षणिक सत्र के नजदीक पहुंच रहा है. इस ऑनलाइन मीटिंग के आयोजन में विश्वविद्यालय के नोडल ऑफिसर असिस्टेंट प्रोफेसर श्री संजय कुमार की भूमिका सराहनीय रही. यह जानकारी पीआरओ डॉ एसएनपी यादव दीन ने दी.