पटना : कोरोना लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार के प्रवासियों का घर लौटने का सिलसिला जारी है. राजधानी दिल्ली से शुक्रवार को 1200 मजदूर दिल्ली पहुंचे थें. बिहार पहुंचे इन मजदूरों के टिकट के पैसों को लेकर अब राजनीति शुरू हो गयी है. बिहार के प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से घर भेजने और उनके टिकट के पैसे को लेकर केजरीवाल सरकार के मंत्री ने दावे पर, बिहार सरकार में मंत्री संजय कुमार झा ने के पलटवार किया है.
On one hand you are taking credit saying you are sending them back on your money & on the other hand you are asking Bihar government to return the money: Sanjay Kumar Jha, Bihar Minister https://t.co/kFvyhXg84C
— ANI (@ANI) May 9, 2020
केजरीवाल सरकार में सत्येंद्र जैन ने यह दावा किया था कि दिल्ली से बिहार भेजे जा रहे मजदूरों का रेल किराया दिल्ली सरकार दे रही है, इस पर बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने आरोप लगाया है. न्यूज एजेन्सी ANI के अनुसार संजय झा ने कहा कि श्रमिकों के ट्रेन किराया को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री झूठ बोल रहे हैं, क्योकि दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार से किराया रिइम्बर्स कराने की मांग के लिए एक पत्र लिखा है. संजय कुमार झा ने दिल्ली सरकार पर बिना वजह क्रेडिट लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ आप यह कहते हुए क्रेडिट ले रहे हैं कि आप उन्हें अपने पैसे वापस भेज रहे हैं और दूसरी तरफ आप बिहार सरकार से पैसे वापस करने के लिए कह रहे हैं.
बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों से बिहार के प्रवासियों का घर लौटने का सिलसिला जारी है. शुक्रवार को सात राज्यों से 17 ट्रेनें बिहार आयी . इन ट्रेनों में 20, 629 प्रवासी मजगूर और छात्र पहुंचे. वहीं गुरूवार को राज्य के विभिन्न स्टेशनों पर 24 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पहुंची, जिनमें 28, 467 प्रवासी मजदूर और विद्यार्थी आये थें.
वहीं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शुक्रवार को खगड़िया जिले से प्रदेश के 222 प्रवासी मजदूरों के तेलंगाना लौटने को लेकर राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जदयू-भाजपा गठबंधन सरकार पर शुक्रवार को निशाना साधते हुए कहा कि यह उसकी ‘‘संवेदनहीनता की पराकाष्ठा” है. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ”सरकार ने बृहस्पतिवार देर रात एक ट्रेन से 222 श्रमिकों को तेलंगाना भेजा है. संवेदनहीनता की भी एक सीमा होती है. एक ओर जहाँ सभी राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य के निवासियों को वापस लाकर उनकी बेहतरी में दिन-रात प्रयासरत हैं, वहीं लाकडाउन से पहले बिहार लौटे प्रवासी मज़दूरों को बिहार सरकार वापस बाहर भेज रही है.