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दर-दर भटकते रहे परिजन, पर किसी क्लिनिक में नहीं हुआ इलाज, टूट गई सांसों की डोर

इस कोरोना संकट में भी कुछ निजी अस्पताल अपनी सेवा देने से पीछे हट रहे हैं. स्वास्थ्य सचिव ने सभी निजी अस्पतालों को अपनी सेवा जारी रखने का निर्देश दिया है, लेकिन उस पर कोई अमल नहीं हो रहा है.

कोडरमा : इस कोरोना संकट में भी कुछ निजी अस्पताल अपनी सेवा देने से पीछे हट रहे हैं. स्वास्थ्य सचिव ने सभी निजी अस्पतालों को अपनी सेवा जारी रखने का निर्देश दिया है, लेकिन उस पर कोई अमल नहीं हो रहा है. खासकर 24 घंटे इमरजेंसी सेवा देने का दावा करनेवाले अस्पताल तो हाथ खड़ा कर दे रहे हैं. इसी अव्यवस्था का शिकार होकर एक मासूम की मौत हो गयी. घटना शुक्रवार सुबह की है. बताया जाता है कि बरही के बरसोत में रहनेवाले ढाई वर्षीय मासूम को उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर परिजन इलाज के लिए गुरुवार देर रात करीब दो बजे तिलैया पहुंचे.

परिजनों ने करीब आधा दर्जन निजी अस्पतालों के चक्कर लगाये, पर किसी ने बच्चे का इलाज नहीं किया. बाद में सुबह में करीब आठ बजे एक डॉक्टर ने इलाज शुरू किया, लेकिन तब तक बच्चे की हालत बिगड़ी चुकी थी और बच्चे ने दम तोड़ दिया. हालांकि, परिजन इस बीच बच्चे को लेकर सरकारी अस्पताल नहीं गये.घटना की जानकारी देते हुए झुमरीतिलैया के चित्रगुप्त नगर निवासी अशोक कुमार ने बताया कि बरही के बरसोत में रहनेवाले रिश्तेदार के पुत्र ढाई वर्षीय मनीष कुमार की गुरुवार रात तबीयत खराब हो गयी.

रिश्तेदार मुकेश कुमार बच्चे को लेकर यहां किसी तरह पहुंचे. हम सभी रात में एक के बाद एक कई निजी अस्पतालों में गये, डॉक्टरों को फोन तक किया, पर किसी ने रिस्पांस नहीं दिया. सुबह में एक निजी डॉक्टर ने आठ बजे देखने की बात कही, जब हम वहां लेकर पहुंचे तो कुछ देर में ही इलाज के क्रम में बच्चे की मौत हो गयी. अशोक ने आरोप लगाया कि निजी अस्पताल अपनी सेवा देने से पीछे हट रहे हैं. अगर समय पर बच्चे का इलाज हो जाता तो उसकी जान बच सकती थी.

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