चितरपुर : कोरोना वायरस के कारण भारत सहित दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन है. सभी लोग घरों में ही रह रहे हैं. सड़कों पर वाहन नहीं चल रहे. उद्योग-धंधे और खदान बंद हैं. लोग परेशान हैं, लेकिन इसका बहुत बड़ा फायदा हुआ है पर्यावरण को. हवा में घुले जहर खत्म हो गये हैं. नदी, नाले और झरने का पानी स्वच्छ हो गया है. 45 दिन के लॉकडाउन में रामगढ़ जिला के चितरपुर का नजारा ही बदल गया है.
रजरप्पा से 40-50 किलोमीटर दूर स्थित सिकिदिरी पहाड़, झुमरा पहाड़ व माया टुंगरी का दृश्य स्पष्ट दिखने लगा है. इससे लोगों को अलग अनुभूति मिल रही है. इस दृश्य को देखकर लोग काफी रोमांचित हैं.
लॉकडाउन से भले लोगों की जिंदगी ठहर गयी हो, पूरे क्षेत्र का पर्यावरण स्वच्छ हो गया है. वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण नहीं के बराबर रह गया है. रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर के पुजारी रितेश पंडा ने कहा कि दामोदर नद व भैरवी नदी का पानी काफी स्वच्छ हो गया है. जो पानी नहाने योग्य नहीं था, वह अब पीने लायक हो गया है.
Also Read: Coronavirus Pandemic: कोरोना पॉजिटिव महिला के वार्ड में भर्ती मरीजों को सदर अस्पताल ने दी छुट्टी, पंडरा बस्ती में मचा हड़कंपदूसरी ओर, सड़कों पर वाहन भी कम चल रहे हैं. क्षेत्र की फैक्ट्रियां बंद हैं. इससे पर्यावरण स्वच्छ होने के कारण लोगों की सेहत भी अच्छी है. लोग बीमार नहीं पड़ रहे हैं. दामोदर नद काफी प्रदूषित रहता था. अब इसके पानी का रंग बदल गया है. पानी पूरी तरह से स्वच्छ हो गया है. भैरवी नदी, स्वर्णरेखा नदी, गोमती नदी के अलावा पटासूर नाला का भी पानी साफ हो गया है.
लॉकडाउन में लोग घरों में कैद जरूर हैं, लेकिन लोग बाहर का खाना नहीं खाकर लगातार घर का पौष्टिक आहार ले रहे हैं. इसका असर यह हो रहा है कि लोग सेहतमंद हो रहे हैं. रामगढ़, गोला, चितरपुर, रजरप्पा क्षेत्र के कई अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों की संख्या में काफी कमी आयी है. जहां मरीजों की भीड़ हुआ करती थी, अब एक-दो लोग ही अस्पताल में दिख रहे हैं.
Also Read: Jharkhand Update : हिंदपीढ़ी से 2, रिम्स आइसोलेशन वार्ड और गोड्डा से एक-एक कोरोना पॉजिटिव मिलेपर्यावरण स्वच्छ हुआ, तो लोगों को शुद्ध हवा मिलने लगी. फलस्वरूप दमा, हार्ट, एलर्जी, सर्दी-खांसी के मरीजों को बड़ी राहत मिली है. इन बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी कमी आयी है.
सीसीएल रजरप्पा स्थित सिल्वर जुबली अस्पताल के क्षेत्रीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनके सिंह ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण प्रदूषण में काफी कमी आयी है. इससे लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार देखा जा रहा है. खासकर गैस्टिक, दमा, एलर्जी, सर्दी-खांसी से पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी कमी आयी है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद भी हम प्रदूषण में कमी लायें और संयमित जीवनशैली अपना लें, तो बीमारी खुद दूर हो जायेगी.