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NDRF की कैमिकल स्पेशलिस्ट टीम न होती तो विशाखापत्तनम में हो जाती सैकड़ों मौत, आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री ने बतायी हादसे की पूरी कहानी

आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) में एलजी पॉलीमर फैक्ट्री (polymer plant ) से रिसी गैस रिसाव के कारण अब तक 11 लोगों की मौत (11 people have died) हो चुकी है और कई लोग बीमार हैं. बचाव कार्य तेजी से चलाये जा रहे हैं. इस गैस कांड ने एक बार फिर से 1984 भोपाल गैस त्रासदी की भयावह यादें ताजा करा दीं हैं.

नयी दिल्‍ली : आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में एलजी पॉलीमर फैक्ट्री से रिसी गैस रिसाव के कारण अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग बीमार हैं. बचाव कार्य तेजी से चलाये जा रहे हैं. इस गैस कांड ने एक बार फिर से 1984 भोपाल गैस त्रासदी की भयावह यादें ताजा करा दीं हैं.

आज यहां का दृश्‍स भयावह थी. माता-पिता अपने बेहोश बच्चों को गोद में उठाए मदद के लिए बदहवास घूम रहे थे, तो सड़कों पर जहां-तहां लोग पड़े थे. पीड़ितों को जल्द से जल्द चिकित्सकीय सहायता देने की कोशिश में स्वास्थ्यकर्मी जुटे हैं. घटनास्थल से जान बचाकर भाग रहे लोग भयावहता का मंजर बयां कर रहा था.

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आज की घटना में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने देवदूत का काम किया. जैसे ही गैस रिसाव की घटना घटी पुणे से एनडीआरएफ की कैमिकल स्पेशलिस्ट टीम को मौके पर भेजा गया. घटनास्‍थल पर पहुंच कर टीम ने तेजी से बचाव कार्य किया, जिससे स्थिति पर जल्‍द से जल्‍द काबू पाया जा सका. एनडीआरएफ कर्मी आसपास के इलाकों में अचेत लोगों मदद के लिये घर-घर जाकर मुआयना कर रहे हैं. टीम के प्रमुख ने कहा, हम उस इलाके में तब तक मौजूद रहेंगे जब तक कि हम पूर्ण रूप से आश्वस्त नहीं हो जाएं कि स्थिति नियंत्रण में है. हम जरूरत रहने तक घटनास्थल पर रहेंगे.

आइये जानते हैं एनडीआरएफ के बारे में

देश की किसी भी आपदा से निपटने के लिए NDRF की टीम सक्षम मानी जाती है. इसका गठन 2006 में किया गया था. NDRF की 12 बटालियन हैं, जिसमें प्रत्येक में 1,149 कर्मी हैं और सभी प्रकार की आपदाओं से निपटने में सबसे आगे हैं. हर बटालियन में 45 जवान समेत 18 स्पेशलिस्ट की टीम है. फोर्स के पास कई आपदाओं से निपटने के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के 310 तरह के यंत्र हैं. NDRF की टीम पूरी तरह आत्मनिर्भर है. वो किसी अचानक हुई आपदा की सूचना मिलने के 30 मिनट के भीतर घटनास्थल के लिए रवाना हो सकती है.

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कंपनी से मांगा जाएगा स्पष्टीकरण

आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री जी. गौतम रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार सुरक्षा में कोई चूक नहीं रखना चाहती है इसलिए फैक्टरी से लीक हुई स्टाइरीन गैस को निष्प्रभावी करने के लिए 500 टन रसायन मंगवाया है और कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि आखिर चूंक कहां हुई? उन्होंने बताया कि लीक को एक घंटे के भीतर बंद कर लिया गया था. इस बात की ओर ध्यान दिलाते हुए कि प्रशासन हर संभव एहतियात बरत रहा है, मंत्री ने कहा कि कारखाने में काम नहीं चल रहा था, वहां कर्मचारी फैक्टरी शुरू करने के लिए तैयारी कर रहे थे.

उन्होंने बताया कि फक्टरी में टैंकों में भंडारित रसायन में से एक में गर्मी के कारण गैस बनी और वह लीक हो गई. लीक इसलिए नहीं हुई कि लोग वहां काम कर रहे थे. घटना पर सरकार की कार्रवाई के बारे में पूछने पर हैदराबाद में मौजूद मंत्री ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, लीक के तुरंत बाद हमने क्या किया? हमने उसी वक्त परिसर में गैस के प्रभाव को बेअसर किया.

उन्होंने कहा, हमने पूरे परिसर में (लीक को निष्प्रभावी करने वाला) रसायन का छिड़काव किया और उस तरल को बेअसर किया. उन्होंने बताया कि यह तरल मिश्रण गैस में बदल कर एक चिमनी के माध्यम से बाहर निकल आया था. मंत्री ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की. रेड्डी ने कहा, हमारे पास निष्प्रभ्रावी करने वाला 1500 टन रसायन था. हमने उसका छिड़काव कर उसे निष्प्रभावी किया. लेकिन इसमें कोई चूक ना रहे इसके लिए हम 500 टन रसायन हवाई जहाज से मंगवा रहे हैं. हम पूरी फैक्टरी को इस रासायन से भर देंगे.

प्रशासन एहतियात के तौर पर पूरे क्षेत्र को पानी से धुलवा रहा है. उद्योग मंत्री ने कहा कि ऐसी फैक्टरी ‘रेड’ श्रेणी में आती हैं और उन्हें चौबीस घंटे सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता है क्योंकि वे खतरनाक रसायनों और वस्तुओं का उपयोग करते हैं.

जहलीरी गैस को बेअसर करने वाला रसायन भेजेगी गुजरात

आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में एलजी पॉलीमर फैक्ट्री से रिसी स्टाइरीन गैस के असर को खत्म करने या उसे निष्प्रभावी बनाने के लिए गुजरात के वापी शहर से तुरंत एक विशेष रसायन पीटीबीसी मौके पर रवाना किया जा रहा है. गुजरात सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि स्टाइरीन गैस के प्रभाव को खत्म या उदासीन बनाने में काम आने वाले रसायन पीटीबीसी का उत्पादन सिर्फ राज्य के वापी कस्बे में होता है.

प्रधानमंत्री ने स्थिति की समीक्षा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक रासायनिक संयंत्र में गैस लीक मामले के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

प्रधानमंत्री ने गैस लीक होने के बाद पैदा हुए हालात के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की बैठक की अध्यक्षता की और स्थिति की समीक्षा की. प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय और एनडीएमए के अधिकारियों से स्थिति के संबंध में बात की है जो स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा, मैं सभी की सुरक्षा और विशाखापत्तनम के लोगों के कुशलक्षेम की प्रार्थना करता हूं. पीएमओ के ट्वीट के अनुसार, मोदी ने विशाखापत्तनम की स्थिति पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी से बात की और उन्हें हर तरह की मदद और समर्थन देने का आश्वासन दिया.

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