लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने जन स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी है.इस अध्यादेश में सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कड़े कानूनी प्रावधान किए हैं. इस अधिनियम के तहत अगर किसी व्यक्ति की मौत जानबूझकर कोरोना वायरस फैलाने के कारण होती है तो जिम्मेदार व्यक्ति को उम्र कैद की सजा हो सकती है.
अध्यादेश में व्यवस्था की गई है अगर कोई व्यक्ति किसी को संक्रामक रोग से जानबूझकर उत्पीड़ित करता है तो उसे 2 से 5 साल तक की जेल और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना वसूला जा सकता है. अगर जानबूझकर कोई 5 या अधिक व्यक्तियों को संक्रमित कर उत्पीड़ित करता है तो उसे 3 से 10 साल तक जेल हो सकती है. अगर इस उत्पीड़न की वजह से मौत हुई तो तो कम से कम 7 साल की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास तक हो सकता है. वहीं 3 लाख से 5 लाख रुपये जुर्माने की भी सजा तय की गई है. नए कानून के तहत स्वास्थ्य कर्मियों, सभी पैरा मेडिकल कर्मियों, पुलिसकर्मियों, व स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन की तरफ से तैनात किसी भी कोरोना वॉरियर से की गई अभद्रता या हमले पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान, पचास हजार से लेकर पाच लाख तक का जुर्माना भी देना होगा.
इस नये अध्यादेश के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे. दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसका अध्यक्ष डीएम होगा. राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा.
उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना पॉजिटिव के कुल 2998 मामले सामने आ चुके थे. इसमें से 1130 लोग ठीक होकर अस्पताल से जा चुके हैं. प्रदेश में बुधवार तक कुल 60 लोगों की मौत हुई थी. वहीं ताजनगरी में कोरोना की चेन ब्रेक नहीं हो रही है. अब तक यहां 653 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं. हालांकि, 225 लोग ठीक होकर अस्पतालों से छुट्टी पा चुके हैं. वहीं आगरा में 15 की मौत हुई है.