बलिया : कोरोना महामारी के बीच गुजरात के अहमदाबाद से बलिया लौटे 80 की संख्या में प्रवासी मजदूरों ने सोमवार को मिड्ढा स्थित दिल्ली पब्लिक कांवेंट स्कूल में जमकर बवाल काटा. इस दौरान कैदियों की तरह क्वारेंटीन हुए मजदूरों ने प्रभात खबर को अपना दुखड़ा सुनाया. उन्होने बताया कि रविवार की शाम लगभग छह बजे वे लोग बस से रोडवेज पर उतरे, जहां से जांच के बाद रात्रि लगभग दस बजे सभी प्रवासियों को बस से ही स्कूल पर लाया गया.
प्रवासी मजदूरों ने बताया कि उन सबको भूख बहुत जोर से लगी थी, लेकिन उन लोगों को सिर्फ एक-एक हल्दीराम का भूजिया ही उपलब्ध कराया गया. रात उन्होने केवल पानी पीकर काटी. दूसरे दिन सोमवार सुबह हुई तो प्रवासियों को लगा कि उन्हें भोजन मिलेगा, लेकिन दोपहर एक बजे तक उन्हें जिला प्रशासन की तरफ से भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया था.सोने के लिए गद्दा आदि कुछ नहीं है.सिर्फ एक-एक प्लास्टिक की चटाई उपलब्ध कराई गई है. ऐसे में प्रवासियों का धैर्य जवाब दे गया और उन लोगों ने स्कूल परिसर में जमकर बवाल काटा.
इस दौरान कोई जिला प्रशासन तो कोई पुलिस प्रशासन को कोसते नजर आए.प्रवासियों ने बताया कि कोरोना से बचाने के लिए उन्हें कैदियों की तरह कैद कर दिया गया है, लेकिन क्वारेंटीन सेंटर का आलम यह है कि साफ-सफाई व रख-रखाव की व्यवस्था भगवान भरोसे हैं.मजबूर प्रवासियों ने बताया कि उन्हें सात-सात की संख्या में एक-एक कमरा मुहैया कराया गया है, और हर सात आदमी पर एक साबुन दिया गया है.
छत से कूदने तक की दे दी चेतावनी :
हंगामे के दौरान भूख से परेशान एक युवक ने स्कूल के बालकॉनी से कूदने की कोशिश की. इस दौरान वहां नीचे खड़े दो पुलिसकर्मी मूकदर्शक नजर आए. बाद में युवक के अन्य साथी उसे समझा-बूझाकर अंदर ले गए. इस दौरान वह भोजन नहीं देने पर चिल्लाकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहा था.
एसडीएम अश्विनी श्रीवास्तव ने प्रभात खबर संवाददाता को दी सफाई :
खबर के सिलसिले में एसडीएम अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे बहुत रात को आए थे, जिसके बाद उन्हें चिप्स आदि बड़े पैमाने में उपलब्ध कराया गया. दूसरे दिन सुबह बंडा और चाय देने के साथ दोपहर को दाल, चावल सब्जी दिया गया है. रात को पूड़ी सब्जी का प्रबंध है.