रांची : राज्य के वरिष्ठ चिकित्सकों की क्लिनिक एक माह से बंद है. पहले जिन क्लिनिक पर नंबर लेने के लिए लोगों को एक माह तक इंतजार करना पड़ता था, आज वहां सन्नाटा पसरा है. लॉकडाउन के कारण मरीज पहुंच नहीं पा रहे हैं. फोन पर या फिर अपने आसपास के डॉक्टर से सलाह ले रहे हैं. कारण यह है कि वरिष्ठ चिकित्सकों को कोरोना का भय सता रहा है. किसी मरीज के फोन करने पर स्थिति सामान्य होने के बाद ही आने की सलाह दे रहे हैं. वरिष्ठ चिकित्सकों का कहना है कि वह क्लिनिक तो खोलना चाहते हैं, लेकिन अधिक उम्र होने के कारण कोरोना का डर सता रहा है.
मरीज को देखने पर कहीं संक्रमित न हो जायें, इसलिए क्लिनिक बंद रखने का फैसला लिया है. जब स्थिति कुछ सामान्य होगी, तो क्लिनिक खुलेगी. इधर, सरकार ने भी गाइडलाइन जारी किया गया है कि 60 से अधिक उम्र वाले व गंभीर बीमारीवाले डॉक्टर परामर्श नहीं देंगे. क्या कहते हैं सीनियर डाॅक्टर उम्र अधिक है, इसलिए खतरा ज्यादा है. हम तो पांच रुपये में मरीज को देखते थे, ताकि जनसेवा हो. ओपीडी खोल देंगे, ताे लोगों की भीड़ लग जायेगी. कौन-कौन मरीज संक्रमित कर देगा, इसलिए क्लिनिक बंद रखना ही उचित है.
पद्मी डॉ एसपी मुखर्जी, वरिष्ठ चिकित्सक कोरोना का भय तो है, क्योंकि हमारी उम्र भी अधिक है. मरीजाें को विश्वास भी है, इसलिए क्लिनिक खोलना चाहते हैं. अब मेडिकल पेशा मेें सावधानी के साथ काम करने की आदत डालनी होगी. मरीजों को भी गाइडलाइन समझनी होगी.डॉ पीएन सिंह, वरिष्ठ फिजिशियन अधिक उम्र वाले सभी व्यक्ति को कोरोना का भय है, इसलिए हमारी उम्र वाले डॉक्टरों को सावधानी बरतनी पड़ रही है.
मरीज फाेन पर परेशान हैं, लेकिन हम उनको बुला भी नहीं सकते हैं. किस मरीज में कोरोना का वायरस है, यह पता करना मुश्किल है. मरीज को फोन पर सेवा दे रहे हैं. डॉ एसके पाल, फिजिशियन एवं कार्डियोलॉजिस्ट