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मुख्य सचिव से ज्यादा वेतन पानेवाला को-ऑपरेटिव बैंक का सीइओ बर्खास्त, जानें क्यों हुई बर्खास्तगी

सरकार ने झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक के सीइओ विजय कुमार चौधरी को बर्खास्त कर दिया है. रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव ने बर्खास्तगी से संबंधित आदेश जारी कर दिया है. बर्खास्तगी का कारण सीइओ की नियुक्ति / प्रतिनियुक्ति का अवैध होना बताया गया है

रांची : सरकार ने झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक के सीइओ विजय कुमार चौधरी को बर्खास्त कर दिया है. रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव ने बर्खास्तगी से संबंधित आदेश जारी कर दिया है. बर्खास्तगी का कारण सीइओ की नियुक्ति / प्रतिनियुक्ति का अवैध होना बताया गया है. को-ऑपरेटिव बैंक के इस सीइओ को प्रति माह 3.18 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है. इस बर्खास्तगी के बाद सरकार अब इस पद पर रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर नियुक्त करने में शामिल लोगों की जिमेवारी तय कर सीइओ को वेतन के रूप में दिये गये करीब 36 लाख रुपये की वसूली की तैयारी कर रही है.

सीइओ की बर्खास्तगी से संबंधित आदेश में कहा गया है कि नियुक्ति के सिलसिले में करायी गयी जांच में नियुक्ति के दौरान रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित मापदंड और नियमों का अनुपालन नहीं करने की पुष्टि की गयी थी. जांच रिपोर्ट में वर्णित तथ्यों के आधार पर सीइओ से स्पष्टीकरण पूछा गया. इस सिलसिले में कई बार स्मार पत्र दिया गया. हालांकि उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इस नियुक्ति के मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से मंतव्य की मांग की गयी थी. रिजर्व बैंक ने भी नियुक्ति में निर्धारित शर्तों का अनुपालन नहीं किये जाने की बात कही. पूरे मामले की समीक्षा के बाद सहकारी समितियां अधिनियम 1935 यथा संशोधित 2001 की धारा 44-एवी-16(बी) में निहित प्रावधान के आलोक में विजय कुमार चौधरी को तत्काल प्रभाव से को-ऑपरेटिव बैंक के सीइओ के पद से मुक्त किया जाता है.

क्या है पूरा मामलाको-: ऑपरेटिव बैंक के सीइओ की नियुक्ति कि लिए किसी तरह का विज्ञापन नहीं प्रकाशित किया गया. बोर्ड की बैठक में लिये गये फैसले के आलोक में नाबार्ड के इस अधिकारी का आवेदन लेकर सीइओ के पद पर मई 2019 में नियुक्त किया गया. विजय चौधरी को नियुक्त करने के लिए बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा तीन बार इस पद के लिए निर्धारित योग्यता में बदलाव किया गया, ताकि वह इस पद पर नियुक्त हो सकें. नियुक्ति के लिए किसी तरह की सर्च कमेटी का गठन नहीं किया गया, ना ही इंटरव्यू हुआ.

नियमानुसार इस पद पर 55 साल से ज्यादा उम्र के किसी व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जा सकती है. हालांकि विजय कुमार की उम्र 55 साल से अधिक होने के बावजूद उन्हें नियुक्त/प्रतिनियुक्त किया गया. इसके बाद विजय कुमार चौधरी ने अपना योगदान दिया. को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष ने योगदान भी स्वीकृत किया.

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